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कर्नल बाठ की पत्नी ने पुलिस पर लगाया मारपीट का आरोप, राजभवन में सौंपा ज्ञापन

कर्नल बाठ की पत्नी ने पुलिस पर लगाया मारपीट का आरोप, राजभवन में सौंपा ज्ञापन

सेना के पूर्व अधिकारी कर्नल जसवंत सिंह बाठ की पत्नी ने अपने पति के साथ हुई पुलिसिया मारपीट और दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज़ बुलंद करते हुए पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की। उन्होंने घटना की निष्पक्ष जांच, दोषियों की गिरफ्तारी और पुलिस सुधार की मांग करते हुए एक तीन बिंदुओं वाला ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा।

इस मुलाकात ने न केवल प्रशासनिक हलकों में हलचल पैदा कर दी, बल्कि एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि सेना से सेवा-निवृत्त होने के बाद भी क्या हमारे फौजी सम्मान के साथ जीवन जी पा रहे हैं?

क्या है पूरा मामला?

कर्नल जसवंत सिंह बाठ, जो सेना से रिटायर होने के बाद पंजाब के एक कस्बे में अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण जीवन बिता रहे हैं, हाल ही में एक विवाद के दौरान स्थानीय पुलिस द्वारा कथित रूप से पीटे गए। आरोप है कि यह सब बिना किसी वैध कारण के हुआ, और बाठ को गंभीर शारीरिक चोटें आईं। उनकी पत्नी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, मेरे पति ने अपने जीवन के 30 वर्ष देश की सेवा में लगाए। लेकिन एक मामूली विवाद पर पुलिस ने उन्हें अपमानित किया, घर में घुसकर मारपीट की और परिवार को डराने की कोशिश की। यह अस्वीकार्य है। 

राज्यपाल को सौंपा तीन सूत्रीय पत्र

  • राजभवन में राज्यपाल से हुई मुलाकात के दौरान कर्नल बाठ की पत्नी ने एक तीन बिंदुओं वाला ज्ञापन सौंपा, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख मांगें की गईं:
  • दोषी पुलिस अधिकारियों की तुरंत गिरफ्तारी और निलंबन: उन्होंने मांग की कि जिन पुलिसकर्मियों ने कर्नल बाठ के साथ बदसलूकी की, उनके खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए।
  • घटना की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच: यह मांग की गई कि इस पूरे मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी, जैसे राज्य मानवाधिकार आयोग या सीबीआई से कराई जाए, ताकि राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव न हो।
  • पुलिस में सुधार और फौजी परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना: उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य सरकार ऐसे मामलों से निपटने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी करे, जिससे पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की गरिमा बनी रहे।

गवर्नर की प्रतिक्रिया

राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने गंभीरता से इस ज्ञापन को स्वीकार किया और कहा कि, पूर्व सैन्य अधिकारी देश की शान होते हैं। उनके साथ यदि ऐसी घटनाएं घटती हैं, तो यह केवल व्यक्ति नहीं बल्कि पूरी व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है। मैं इस मामले को मुख्यमंत्री और गृह विभाग के समक्ष रखूंगा। यह मामला अब सिर्फ एक व्यक्तिगत पीड़ा नहीं रहा, बल्कि यह चर्चा का विषय बन चुका है। पूर्व सैन्यकर्मी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार समूहों ने कर्नल बाठ के समर्थन में बयान जारी किए हैं।

पूर्व मेजर और सामाजिक कार्यकर्ता मेजर हरपाल सिंह (से.नि.) ने कहा, आज यदि एक कर्नल के साथ यह हो सकता है, तो आम नागरिक की स्थिति क्या होगी? पुलिस को जवाबदेह बनाना होगा।

विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। एक वरिष्ठ विधायक ने विधानसभा में मांग की कि इस घटना पर तत्काल संज्ञान लिया जाए और पुलिस प्रशासन की जवाबदेही तय की जाए।

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