घटना उस समय शुरू हुई जब गाँव के निवासी रामरूप ने अपने घर के बाहर सफाई करने के बाद कूड़ाकरकट को अपने पड़ोसी गोरे लाल के दरवाजे के बाहर जमा कर दिया।
गोरे लाल ने इस कार्य पर आपत्ति जताई और उलाहना दी। इसके बाद रामरूप ने अभद्रता की। इस विवाद में रामरूप का सगा भाई शत्रुरूप भी शामिल हो गया, जिसने गोरे लाल के हाथशरीर पर लाठी से हमला किया।
दोनों पक्षों में मारपीट हुई, कपड़े फट गए, हाथपांव में चोटें आई हैं।
पुलिस कार्रवाई
इस मामले पर पूरी तरह से जांच की गई।
पुलिस ने तीनों आरोपियों — रामरूप, शत्रुरूप, और गोरे लाल को गिरफ्तार कर चालान किया है।
स्थानीय चौकी प्रभारी रवींद्र कुमार ने पुष्टि की कि तहरीर मिलने के बाद गिरफ्तारियां की गई थीं।
विवाद की जड़ कूड़ाकरकट के निपटान (जमाकरण या स्थाननिर्धारण) में है — जैसे कि रामरूप ने अपने पड़ोसी के बाहर कूड़ा जमा किया।
मामला सादा घरेलू विवाद से अधिक बढ़ गया क्योंकि दोनों पक्षों में शारीरिक संघर्ष हुआ और सुरक्षा की दृष्टि से मामला गंभीर माना गया।
घटना को स्थानीय सुरक्षाप्रशासन ने भी प्राथमिकता के रूप में लिया है क्योंकि सार्वजनिक स्वच्छता और पड़ोसियों के बीच विवाद दोनों ही सामाजिक दृष्टि से अहम विषय हैं।