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Labh Panchami 2025: जानें अक्टूबर में पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Labh Panchami 2025: जानें अक्टूबर में पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

लाभ पंचमी 2025 कार्तिक महीने की शुक्ल पंचमी यानी 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी। यह पर्व विशेष रूप से व्यवसायियों के लिए महत्वपूर्ण है, जब नए खाता-बही का शुभारंभ किया जाता है और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना होती है। इस दिन की पूजा से सौभाग्य, समृद्धि और घर में सुख-शांति आती है।

Labh Panchami 2025: दीपावली के पांचवें दिन यानी 26 अक्टूबर 2025 को लाभ पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस अवसर पर भारत के अधिकतर राज्यों, विशेषकर गुजरात में, व्यवसायी और गृहस्थ मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और नए खाता-बही का शुभारंभ करते हैं। इस दिन की गई पूजा से व्यापार में वृद्धि, आर्थिक लाभ और घर में सुख-शांति आती है। साथ ही साधक व्रत रखकर माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। लाभ पंचमी का यह पर्व सौभाग्य और समृद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

लाभ पंचमी का महत्व

लाभ पंचमी को सौभाग्य पंचमी या ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व भारत के अधिकतर राज्यों, खासकर गुजरात में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन व्यवसायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। नई दुकान, फैक्ट्री या व्यापार की शुरुआत के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।

व्यापारियों के बीच इस दिन बहीखातों का शुभारंभ करना परंपरा बन चुकी है। बहीखातों पर स्वस्तिक और शुभ-लाभ का चिन्ह बनाकर उनका उद्घाटन किया जाता है। कई साधक इस दिन व्रत भी रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन की पूजा से आने वाले वर्ष में व्यापार में वृद्धि, घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

लाभ पंचमी 2025 का शुभ मुहूर्त

इस साल लाभ पंचमी 26 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त 3 बजकर 48 मिनट पर शुरू होगा और तिथि का समापन 27 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 4 मिनट पर होगा।

पुजारी और घर के लोग इस दिन सुबह 6 बजकर 29 मिनट से 10 बजकर 13 मिनट तक पूजा कर सकते हैं। इस समय में भगवान गणेश, शिव और लक्ष्मी की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

लाभ पंचमी की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर पूजन स्थल को तैयार करें।
  • सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  • पूजा स्थल पर भगवान गणेश, शिव और लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापित करें।
  • गणेश जी को चंदन, सिंदूर, फूल और दूर्वा अर्पित करें।
  • भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र, धतूरे के फूल और सफेद वस्त्र अर्पित करें।
  • लक्ष्मी जी की पूजा में हलवा और पूड़ी का भोग लगाएं और घर-परिवार और व्यवसाय की सफलता की प्रार्थना करें।
  • अंत में आरती करें और प्रसाद सभी को वितरित करें।

पूजा के समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • पूजा स्थल हमेशा स्वच्छ और व्यवस्थित हो।
  • परिवार के सभी सदस्य पूजा में भाग लें।
  • बहीखातों और लेखा-जोखा की सफाई और स्वच्छता बनाए रखें।
  • पूजा के दौरान सकारात्मक और शुभ विचार रखें।

लाभ पंचमी और व्यवसायिक शुभ अवसर

लाभ पंचमी को व्यापारियों के लिए नए व्यवसाय और खाता-बही खोलने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए शुभ कार्य से व्यवसाय में वृद्धि होती है और धन लाभ होता है।

यह दिन केवल आर्थिक लाभ का प्रतीक नहीं है, बल्कि घर में सुख-शांति और सौभाग्य लाने वाला माना जाता है। व्यापारियों के लिए नए खाता-बही पर शुभ-लाभ चिन्ह बनाना, पूजा करना और आरती करना महत्वपूर्ण होता है।

घर में समृद्धि और खुशहाली

लाभ पंचमी की पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। परिवार में मेल-मिलाप बढ़ता है और किसी भी तरह के आर्थिक या मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। यह दिन नई शुरुआत, व्यापारिक निर्णय और घर की आर्थिक स्थिति मजबूत करने का शुभ अवसर है।

विशेषज्ञों की राय

वास्तु और पंचांग विशेषज्ञों का कहना है कि लाभ पंचमी पर सुबह जल्दी उठकर पूजा करना और सही मुहूर्त में खाता-बही का शुभारंभ करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस दिन की गई पूजा से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और आने वाले वर्ष में व्यापार और परिवार दोनों में समृद्धि आती है।

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