ट्रंप ने दावा किया था कि ईरान के परमाणु ठिकाने तबाह कर दिए गए हैं। लेकिन लीक हुई अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की यूरेनियम क्षमता पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है।
Iran Israel Ceasefire: ईरान और इजरायल के बीच हाल ही में हुआ सीजफायर अब अंतरराष्ट्रीय राजनीति का एक नया मुद्दा बन गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने इस संघर्ष विराम में निर्णायक भूमिका निभाई है। लेकिन इसी बीच एक खुफिया रिपोर्ट लीक हुई है, जिसने ट्रंप के अन्य दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान की परमाणु क्षमता पूरी तरह खत्म नहीं हुई है, जैसा कि ट्रंप ने पहले दावा किया था।
ट्रंप का दावा और पेंटागन की जानकारी
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में सार्वजनिक रूप से दावा किया कि अमेरिका ने ईरान के सभी परमाणु ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया है। उन्होंने इसे "इतिहास की सबसे सफल सैन्य कार्रवाई" बताया। उनके इस बयान के कुछ ही समय बाद पेंटागन के प्रवक्ता सीन पार्नेल ने बताया कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर करीब 30,000 पाउंड यानी लगभग 13,607 किलो वजनी बम गिराए हैं। इसका उद्देश्य ईरान की यूरेनियम संवर्धन गतिविधियों को रोकना था।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट और खुफिया दस्तावेज
हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट ने इस दावे की पुष्टि नहीं की। रिपोर्ट में लीक हुई अमेरिकी खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए बताया गया है कि ईरान की परमाणु क्षमताएं पूरी तरह नष्ट नहीं हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों से ईरान की यूरेनियम संवर्धन प्रक्रिया की गति धीमी हो सकती है, लेकिन यह पूरी तरह बंद नहीं हुई है। यह खुलासा ट्रंप की कही बातों के विपरीत है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रम की स्थिति बन गई है।
ट्रंप ने बताया रिपोर्ट को "फेक न्यूज"
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि जो भी मीडिया ये कह रहा है कि ईरान की न्यूक्लियर साइट्स बची हुई हैं, वो झूठ बोल रहा है। ट्रंप ने कहा कि यह अमेरिकी इतिहास की सबसे सफल मिलिट्री स्ट्राइक थी और ईरान के सभी मुख्य ठिकानों को खत्म कर दिया गया है।
सीजफायर उल्लंघन को लेकर ट्रंप की नाराजगी
ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम के उल्लंघन पर भी ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दोनों देशों की हालिया सैन्य कार्रवाइयों पर नाराजगी जताई और चेतावनी दी कि इससे एक मुश्किल से हासिल किया गया युद्धविराम टूट सकता है।
वॉशिंगटन में मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि दोनों पक्षों को अब शांत होना चाहिए। उन्होंने कहा, “जो कुछ मैंने देखा, वह पूरी तरह अस्वीकार्य है। न तो इजरायल का हमला सही है और न ही ईरान की जवाबी कार्रवाई। यह हास्यास्पद स्थिति है और इससे शांति को खतरा हो सकता है।”