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लोकसभा में SIR मुद्दे पर हंगामा, मणिपुर GST व विनियोग विधेयक को मिली मंजूरी

लोकसभा में SIR मुद्दे पर हंगामा, मणिपुर GST व विनियोग विधेयक को मिली मंजूरी

बिहार में SIR पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच संसद की कार्यवाही बाधित रही। वहीं लोकसभा में मणिपुर से संबंधित दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए।

Sansad: गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। विपक्षी INDIA गठबंधन ने लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की, जिसे केंद्र सरकार ने यह कहकर खारिज कर दिया कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसके बावजूद विपक्ष ने अपना विरोध जारी रखा। हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।

लोकसभा में विधेयक पारित, लेकिन हंगामा भी जारी

विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा में मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 और मणिपुर विनियोग विधेयक, 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इन विधेयकों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो दल मणिपुर के लिए आंसू बहा रहे हैं, वही आज उसके विकास में अड़चन डाल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष मणिपुर के लिए वित्तीय सहायता के प्रावधानों का विरोध कर रहा है।

नागर विमानन मंत्रालय की जानकारी लोकसभा में

लोकसभा में नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक 2,458 उड़ानें रद्द या पुनर्निर्धारित की गई हैं। इसका कारण नियामकीय और भू-राजनीतिक चुनौतियां रही हैं। मंत्री ने कहा कि इन उड़ानों की रद्दीकरण और देरी के कारण एयरलाइंस को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा है, जिसमें ईंधन लागत, चालक दल का अतिरिक्त समय, हवाई अड्डा शुल्क और रिबुकिंग खर्च शामिल हैं।

राज्यसभा में भी दिखा विरोध का असर

राज्यसभा में भी एसआईआर को लेकर हंगामा जारी रहा। विपक्ष ने सदन में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की, लेकिन उसे अस्वीकार कर दिया गया। सदन की कार्यवाही पहले एक बार के लिए स्थगित हुई, फिर दोपहर 2:30 बजे इसे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। इस हंगामे के कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो पाया।

पोत परिवहन विधेयक 2025 को मिली मंजूरी

हालांकि हंगामे के बीच ही तटीय पोत परिवहन विधेयक, 2025 को भी राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने यह विधेयक सदन में पेश किया और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने उस पर अपनी राय रखी। विपक्ष इस दौरान लगातार एसआईआर पर चर्चा की मांग करता रहा।

खरगे और नड्डा के बीच तर्क

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है और इन मुद्दों पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि सदन में सबकी इच्छा का सम्मान करते हुए एसआईआर जैसे संवेदनशील विषय पर बहस की अनुमति दी जाए। इसके जवाब में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जे. पी. नड्डा ने स्पष्ट किया कि सदन का संचालन नियमों के तहत ही होगा और कोई भी चर्चा उन्हीं के अनुरूप की जाएगी।

सरकार की ओर से दो टूक जवाब

सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एसआईआर का मुद्दा फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए संसद में उस पर चर्चा नहीं की जा सकती। सरकार के अनुसार, कानून और प्रक्रिया का पालन करते हुए ही सभी विधेयकों और प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।

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