भारत सरकार ने स्थायी खाता संख्या (PAN) सिस्टम को पूरी तरह डिजिटल बनाने के लिए 792 करोड़ रुपये का बड़ा प्रोजेक्ट LTIMindtree लिमिटेड को सौंपा है। इस PAN 2.0 परियोजना के तहत आवेदन से लेकर वितरण तक की सभी सेवाएं एकीकृत और ऑटोमेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होंगी, जिससे नागरिकों को तेज, पारदर्शी और सुरक्षित सुविधा मिलेगी।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वित्तीय सेवाओं को डिजिटल और सुगम बनाने के अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए गुरुवार को PAN 2.0 परियोजना की घोषणा की। इस 792 करोड़ रुपये की योजना का जिम्मा LTIMindtree लिमिटेड को सौंपा गया है, जिसकी जानकारी कंपनी ने शेयर बाजार को एक्सचेंज फाइलिंग के ज़रिए दी। यह प्रोजेक्ट केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा सौंपा गया है और इसका उद्देश्य PAN और TAN से जुड़ी सभी सेवाओं को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर नागरिकों और व्यवसायों के लिए प्रक्रियाओं को तेज, सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है। LTIMindtree इस तकनीकी प्लेटफॉर्म को अगले 18 महीनों में विकसित कर देश की फाइनेंशियल गवर्नेंस को नई दिशा देगा।
पूरी तरह से डिजिटल होगा PAN सिस्टम
PAN 2.0 परियोजना सरकार की नागरिक केंद्रित (G2C) पहल का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसके तहत PAN और TAN से जुड़ी सभी सेवाओं को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की योजना है। इससे न केवल आम नागरिकों बल्कि व्यवसायों के लिए भी फाइनेंशियल पहचान से जुड़ी सेवाएं अधिक सुलभ, पारदर्शी और आधुनिक बन जाएंगी।
यह प्लेटफॉर्म यूजर फ्रेंडली इंटरफेस से लैस होगा, जो आवेदन, वेरिफिकेशन, प्रिंटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन जैसे कार्यों को ऑटोमेटेड और अधिक तेज बना देगा। टेक्नोलॉजी की दृष्टि से देखें तो यह भारत की फाइनेंशियल गवर्नेंस प्रणाली में एक बड़ा परिवर्तन लाने वाला कदम साबित होगा।
क्या होगा इस परियोजना के तहत?
LTIMindtree को इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कई अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। कंपनी को पूरे टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना है, जिसमें शामिल होंगे:
- आधुनिक सिक्योरिटी मैकेनिज्म
- प्रोसेस ऑटोमेशन
- डिजिटल डॉक्युमेंटेशन
- एकीकृत प्लेटफॉर्म के संचालन की निरंतरता
कंपनी एक ऐसा एआई-सक्षम डिजिटल इकोसिस्टम बनाएगी, जो PAN कार्ड से संबंधित सेवाओं को पूरी तरह से ऑटोमेटेड और कस्टमर-फ्रेंडली बनाएगा।
इसके अतिरिक्त, सिस्टम में डेटा एनालिटिक्स, डिजिटल सिग्नेचर, रियल टाइम ट्रैकिंग और सेल्फ-सर्विस पोर्टल जैसी तकनीकों का भी समावेश किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट न केवल तकनीकी विकास का उदाहरण होगा, बल्कि डिजिटल इंडिया के विजन को भी मजबूती देगा।
CBDT की ओर से मिली जिम्मेदारी
इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने LTIMindtree को दी है। यह संस्था भारत में आयकर प्रशासन का प्रमुख नियामक निकाय है। बोर्ड का यह कदम स्पष्ट रूप से दिखाता है कि सरकार नागरिकों के लिए टैक्स से जुड़ी सेवाओं को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सुलभ बनाना चाहती है।
CBDT से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस परियोजना का उद्देश्य भारत की वित्तीय पहचान प्रणाली को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप बनाना है।
काम की समय सीमा और प्रगति
LTIMindtree द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, इस प्रोजेक्ट को अगले 18 महीनों के भीतर पूरा किया जाएगा। इस समयसीमा में कंपनी को न केवल तकनीकी प्लेटफॉर्म विकसित करना है, बल्कि उसके सुचारू संचालन के लिए भी आधारभूत ढांचा तैयार करना होगा।
शेयर बाजार की बात करें तो गुरुवार को कंपनी के शेयर 0.4% की तेजी के साथ ₹5,054.5 के स्तर पर बंद हुए। हालांकि, पूरे साल 2025 में अब तक इसके शेयरों में 11% की गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में इस बड़े सरकारी ऑर्डर से निवेशकों को कंपनी की ग्रोथ में एक नई उम्मीद भी नजर आ रही है।
कंपनी की प्रतिक्रिया
LTIMindtree के CEO वेंयू लम्बू ने इस प्रोजेक्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह प्रोजेक्ट भारत सरकार के साथ हमारी भागीदारी को और मजबूत करता है। यह डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, और साथ ही देश की आर्थिक व्यवस्था को नई दिशा देने का अवसर भी प्रदान करता है।”
उन्होंने आगे कहा कि इस प्रोजेक्ट से कंपनी को देश की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा।