कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें लोकतंत्र और संविधान के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया है।
Mallikarjun Kharge Attacks pm Modi: देश की राजनीतिक फिजा एक बार फिर गरमा गई है, और इस बार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वर्तमान सरकार लोकतंत्र, संविधान और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुकी है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अब चुनाव मोदी नहीं, मशीन जीतती है, और यह वक्त अघोषित आपातकाल का है।
संविधान बचाने वाले हम हैं, जलाने वाले नहीं
दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान खरगे ने कहा कि सरकार आपातकाल की दुहाई देकर असल मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी वे लोग हैं, जिन्होंने "रामलीला मैदान में संविधान जलाया और अब उसे बचाने की बात कर रहे हैं।
खरगे ने कहा, संविधान बचाने का काम कांग्रेस और देश की जनता करती है, ना कि वे लोग जो बाबासाहेब आंबेडकर के बनाए संविधान को बदलने की बात करते हैं।
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप: महाराष्ट्र में 8% वोटर कैसे बढ़े?
खरगे ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक तरफ चुनाव आयोग को लोकतंत्र का प्रहरी माना जाता है, लेकिन आज यह संस्था कठपुतली बन चुकी है। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में कुछ ही महीनों में 8 फीसदी वोटर कैसे बढ़ गए? यह क्या सामान्य प्रक्रिया है या कोई सोची-समझी रणनीति? खरगे का आरोप है कि ईवीएम की पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं, और भाजपा इसका राजनीतिक लाभ उठा रही है।
खरगे ने जोर देते हुए कहा कि आज देश में ऐसा माहौल बना दिया गया है कि सरकार की आलोचना करना देशद्रोह माना जाता है। उन्होंने कहा, छात्रों को जेल में डाला जा रहा है, पत्रकारों को डराया जा रहा है, और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लगातार कुचला जा रहा है। अगर यह आपातकाल नहीं है, तो क्या है?
विदेश नीति पर भी तंज: ट्रंप ने कहा, भारत को डराया – मोदी चुप रहे
खरगे ने प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा कि ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाक के मसले पर मध्यस्थता की पेशकश की, लेकिन भारत सरकार ने कभी उसका जवाब नहीं दिया। जब ट्रंप जैसे नेता भारत को धमकाते हैं, तो प्रधानमंत्री चुप्पी साध लेते हैं। फिर किस बात के विश्वगुरु बनते हो?
मणिपुर और कश्मीर पर सरकार की चुप्पी
खरगे ने मणिपुर की हिंसा और पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भी केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इन मुद्दों पर संसद को जवाब देने की बजाय प्रचार यात्राओं में व्यस्त हैं। क्या मणिपुर के लोग इस देश के नागरिक नहीं हैं? आखिर इनकी पीड़ा पर चुप्पी क्यों? अपने संबोधन में खरगे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और संविधान बचाओ यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इससे युवाओं में नया उत्साह आया है।
उन्होंने दावा किया कि सरकार इसी उत्साह से डर गई है और आपातकाल, राष्ट्रवाद, मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दों की आड़ में जनता को असली मुद्दों से भटकाने का प्रयास कर रही है। आज जो सरकार गरीबों को और गरीब, और अमीरों को और अमीर बना रही है, वही अब संविधान की दुहाई दे रही है।