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MP: हॉस्टल में कक्षा 7 की छात्रा ने की आत्महत्या, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

MP: हॉस्टल में कक्षा 7 की छात्रा ने की आत्महत्या, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में सातवीं कक्षा की छात्रा हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटकी मिली। प्रारंभिक जांच में छात्रा के डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है। कलेक्टर ने जांच के साथ सभी हॉस्टलों में काउंसलर्स भेजने के निर्देश दिए हैं।

खरगोन: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। जिले के गोगावां क्षेत्र के सुरपाला स्थित कन्या शिक्षा परिसर में सातवीं कक्षा की एक छात्रा अपने कमरे में फंदे से लटकी मिली। प्रारंभिक जांच में छात्रा के डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है। घटना के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है और जिला कलेक्टर ने सभी छात्रावासों में काउंसलर नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

हॉस्टल रूम में मिला छात्रा का शव

जानकारी के अनुसार, मृतक 13 वर्षीय आदिवासी छात्रा सुरपाला स्थित कन्या शिक्षा परिसर में सातवीं कक्षा में पढ़ती थी। वह दो दिन पहले ही दिवाली की छुट्टियां मनाकर अपने गांव रूपखेड़ा से लौटी थी। मंगलवार सुबह उसने हॉस्टल की अन्य छात्राओं के साथ नाश्ता किया और फिर अपने कमरे में चली गई।

दोपहर तक जब छात्रा कमरे से बाहर नहीं आई तो हॉस्टल अधीक्षक को सूचना दी गई। जब दरवाजा तोड़ा गया तो छात्रा खिड़की से फंदे पर लटकी हुई मिली। मौके पर मौजूद शिक्षकों और छात्राओं के होश उड़ गए। घटना की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और जांच शुरू की।

छात्रा की मौत पर कारणों की जांच जारी

पुलिस ने बताया कि कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और बाद में परिजनों को सौंप दिया गया। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि छात्रा कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान थी और डिप्रेशन में रह रही थी।

परिजनों के अनुसार, कुछ महीने पहले परिवार के एक सदस्य की मृत्यु के बाद वह काफी चुपचाप रहने लगी थी। वहीं, डेढ़ महीने पहले वह बीमार भी पड़ी थी, जिसके बाद उसका व्यवहार और भी उदास रहने लगा था।

कलेक्टर ने दिए मामले की जांच के आदेश

घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर भव्या मित्तल ने तत्काल संज्ञान लिया। उन्होंने एसडीएम खरगोन और जनजातीय कार्य विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर इकबाल आदिल को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाएगी और छात्रा की मानसिक स्थिति के पीछे के कारणों का पता लगाया जाएगा।

जिले के सभी छात्रावासों में पहुंचेंगे काउंसलर

कलेक्टर भव्या मित्तल ने इस घटना के बाद बड़ा कदम उठाते हुए जिले के सभी 160 छात्रावासों में काउंसलर्स भेजने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि काउंसलर्स छात्रों से संवाद स्थापित करेंगे, उनकी भावनात्मक स्थिति को समझेंगे और जरूरत पड़ने पर मदद करेंगे।

कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया कि यदि किसी छात्र को किसी प्रकार की परेशानी हो तो वार्डन, सुपरिटेंडेंट या परिजनों को तुरंत जानकारी दी जाए। खरगोन की यह दर्दनाक घटना न केवल शिक्षा संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि समय पर संवाद और सहयोग, कई जिंदगियाँ बचा सकता है।

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