मराठा आरक्षण आंदोलन खत्म हो गया है। मनोज जरांगे ने सरकार द्वारा Kunbi Caste Certificate की मांग मानने के बाद अनशन तोड़ा। CM फडणवीस ने इसे मराठा समाज के लिए नई शुरुआत बताया।
Manoj Jarange: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 5 दिन से भूख हड़ताल कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने आखिरकार मंगलवार को अपना अनशन खत्म कर दिया। यह फैसला उन्होंने तब लिया जब महाराष्ट्र सरकार ने उनकी प्रमुख मांगों को मान लिया। इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकार की ओर से एक बड़ी घोषणा की और कहा कि मराठा समुदाय के हित में समाधान निकाला गया है।
5 दिन का अनशन, सरकार के फैसले पर खत्म हुआ आंदोलन
29 अगस्त को मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल शुरू की थी। लगातार 5 दिन तक चले इस अनशन ने राज्य की राजनीति और समाज में बड़ी हलचल पैदा की। मराठा समुदाय लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहा था।
सरकार ने जब उनकी प्रमुख मांगों को मान लिया, तब जाकर मंगलवार को उन्होंने अनशन खत्म करने की घोषणा की। इस फैसले के बाद आंदोलन में शामिल लोगों और मराठा समाज के बीच खुशी का माहौल देखने को मिला।
सरकार ने क्या मांगे मानीं
मनोज जरांगे पाटिल की मुख्य मांग थी कि मराठा समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के तहत आरक्षण का लाभ दिया जाए। इसके लिए सरकार ने पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र (Kunbi Caste Certificate) देने का फैसला किया है।
कुनबी जाति को OBC में शामिल किया गया है। ऐसे में जिन मराठाओं को यह प्रमाण पत्र मिलेगा, वे OBC के तहत शिक्षा और नौकरियों में मिलने वाले आरक्षण का फायदा उठा सकेंगे। यह फैसला मराठा समुदाय के लिए बड़ा बदलाव लाने वाला है।
मुख्यमंत्री फडणवीस का बयान
मराठा आरक्षण आंदोलन के खत्म होने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा से मराठा समाज के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रही है।
फडणवीस ने कहा, "हमारी सरकार ने मराठा समुदाय के हित में समाधान निकाला है। यह फैसला सामाजिक समरसता को बढ़ावा देगा और मराठा समाज के लिए एक नई शुरुआत साबित होगा।"
मराठा समाज में खुशी की लहर
सरकार के इस फैसले से मराठा समुदाय में उत्साह का माहौल है। आंदोलन में शामिल लोग और ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिनिधि इसे मराठा समाज के लिए बड़ी जीत मान रहे हैं। कई जगहों पर इस फैसले के स्वागत में कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
हालांकि, कुछ संगठन अभी भी सरकार के अगले कदम पर नजर रखे हुए हैं। उनका कहना है कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी पात्र मराठाओं को सही समय पर Kunbi Caste Certificate मिले ताकि वे आरक्षण का लाभ ले सकें।
लंबे समय से चली आ रही थी आरक्षण की मांग
मराठा आरक्षण की मांग नई नहीं है। कई सालों से मराठा समाज राज्य सरकार से आरक्षण की मांग करता आ रहा है। समय-समय पर आंदोलन हुए लेकिन ठोस समाधान नहीं निकल सका। अब सरकार के इस फैसले के बाद ऐसा लग रहा है कि मराठा समाज को उनकी मांगों के मुताबिक अधिकार मिल सकेंगे।