पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हुआ पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मरकज तैयबा अब पुनर्निर्मित किया जा रहा है। पाकिस्तान सरकार ने करोड़ों रुपये की मदद दी है। उद्घाटन फरवरी 2026 में हो सकता है।
Pakistan Plans: पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के मुरीदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुख्यालय मरकज तैयबा को पूरी तरह तबाह कर दिया गया था। भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, पाकिस्तान अब इस आतंकी अड्डे के पुनर्निर्माण की योजना बना रहा है और इसके लिए पाक सरकार ने करोड़ों रुपये की मदद भी प्रदान की है।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद का जवाब
7 मई की रात भारतीय सेना ने सीमा पार कर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की। मिराज लड़ाकू विमानों और सटीक मिसाइल हमलों के जरिए मुरीदके में स्थित मरकज तैयबा को ध्वस्त कर दिया गया। इस मुख्यालय में आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी और भारी मात्रा में हथियार तथा गोला-बारूद जमा किया गया था। ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य स्पष्ट था—पहलगाम हमले का जवाब देना और लश्कर के प्रमुख आतंकी अड्डों को नष्ट करना।
ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान में कई जगहों पर तबाही के निशान स्पष्ट देखे गए। मरकज तैयबा पूरी तरह ध्वस्त हो गया और आतंकियों की ट्रेनिंग गतिविधियां ठप्प हो गईं। यह कार्रवाई भारतीय सेना की सटीक योजना और खुफिया जानकारी का परिणाम थी।
पाकिस्तान में पुनर्निर्माण की तैयारी
हालांकि, अब खुफिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि पाकिस्तान मरकज तैयबा का रिनोवेशन कर रहा है। अगस्त महीने में कई भारी मशीनें मुरीदके पहुंचाई गईं और निर्माण कार्य शुरू किया गया। 4 सितंबर को उम्म उल कुरा नामक पीले ब्लॉक को गिरा दिया गया और तीन दिन बाद लाल रंग की इमारत को ढहा दिया गया। यह संकेत है कि पाकिस्तान पूरी तरह से मरकज को फिर से तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है।
पुनर्निर्माण का उद्देश्य केवल इमारत को तैयार करना नहीं है। खुफिया जानकारी के अनुसार, इसे आतंकियों को ट्रेनिंग देने, ब्रेनवॉश करने और विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
नया उद्घाटन: फरवरी 2026
जानकारी के अनुसार पाकिस्तान ने तय किया है कि 5 फरवरी 2026 को कश्मीर एकजुटता दिवस के मौके पर लश्कर-ए-तैयबा का नया मुख्यालय उद्घाटित किया जाएगा। फरवरी तक सभी निर्माण कार्य पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है। उद्घाटन के बाद परिसर में आतंकियों के लिए ट्रेनिंग कैंप संचालित होंगे और यह स्थल संगठन की गतिविधियों का मुख्य केंद्र बन जाएगा।
नेतृत्व और संचालन
मरकज तैयबा के निदेशक मौलाना अबू जार और उस्ताद उल मुजाहिद्दीन को पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा कमांडर युनूस बुखारी को परिचालन निरीक्षण का कार्य सौंपा गया है। इस पूरे निर्माण कार्य में पाकिस्तान सरकार भी सक्रिय भूमिका निभा रही है और करोड़ों रुपये के निवेश से इसे पूरा किया जा रहा है।