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पीएम मोदी और रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री पेत्रुशेव की मुलाकात, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में सहयोग को मिला नया आयाम

पीएम मोदी और रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री पेत्रुशेव की मुलाकात, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में सहयोग को मिला नया आयाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री पेत्रुशेव से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर इस मुलाकात की जानकारी साझा करते हुए बताया कि वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 के मौके पर पेत्रुशेव से मिलकर उन्हें प्रसन्नता हुई।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री पेत्रुशेव से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच कृषि, उर्वरक तथा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा की। यह मुलाकात वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 के अवसर पर हुई, जहां पीएम मोदी ने वैश्विक कंपनियों को भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रसन्नता साझा करते हुए लिखा कि रूस के उप प्रधानमंत्री से मिलकर खुशी हुई और यह चर्चा दोनों देशों के लिए लाभकारी होगी। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें अगले स्तर तक ले जाने की आवश्यकता है।

भारत-रूस साझेदारी का नया अध्याय

भारत और रूस दशकों से ऊर्जा, रक्षा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर करीबी साझेदार रहे हैं। अब दोनों देश खाद्य सुरक्षा, उर्वरक उत्पादन और कृषि तकनीक जैसे क्षेत्रों में भी गहन सहयोग बढ़ा रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में मुलाकात ने भी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया। विशेषज्ञों का मानना है कि कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में साझेदारी से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को दीर्घकालिक लाभ होगा।

चौथे वर्ल्ड फूड इंडिया शिखर सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य बताया। उन्होंने कहा कि भारत के पास तीन प्रमुख ताकतें हैं—

  • विविधता (Diversity): भारत में विभिन्न जलवायु क्षेत्रों और फसलों की भरपूर विविधता मौजूद है।
  • मांग (Demand): बढ़ती हुई आबादी और उपभोग क्षमता इसे खाद्य प्रसंस्करण का बड़ा बाजार बनाती है।
  • पैमाना (Scale): भारत का विशाल आकार और उत्पादन क्षमता वैश्विक कंपनियों को निवेश के लिए अनोखे अवसर प्रदान करती है।

पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत में निवेश करने का यह सबसे सही समय है। उन्होंने कहा, “खाद्य प्रसंस्करण शृंखला में लगे निवेशकों के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। भारत में सहयोग और निवेश की अपार संभावनाएं हैं, जिनसे वैश्विक खाद्य सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।”

स्टार्टअप और नवाचार पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की तेजी से बढ़ती स्टार्टअप इकोसिस्टम का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब है और इनमें से एक बड़ी संख्या कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में काम कर रही है। यह स्टार्टअप न केवल रोजगार सृजन कर रहे हैं बल्कि वैश्विक बाजारों के लिए नई तकनीक और नवाचार भी ला रहे हैं।

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