बिहार में RJD-कांग्रेस मंच से पीएम मोदी की मां को अभद्र भाषा का सामना करना पड़ा। पीएम मोदी ने इसे निजी और सामाजिक अपमान बताया। उन्होंने बिहार की जनता से आशीर्वाद लेकर इस घटना को सहन करने का भरोसा जताया।
PM Modi: बिहार में हाल ही में विपक्षी दलों के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय मां हीराबेन के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। इस मामले पर पीएम मोदी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी और इसे सिर्फ व्यक्तिगत अपमान नहीं बल्कि देश की माताओं और बहनों का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि यह घटना उनके लिए व्यक्तिगत दुख और पीड़ा का कारण बनी है और इसे लेकर वह बिहार की जनता के सामने अपने विचार साझा करना चाहते हैं।
पीएम मोदी ने बताया निजी दर्द
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मां ही हमारा संसार होती है और मां ही हमारा स्वाभिमान होती है। बिहार में कुछ दिनों पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। मेरे माता-पिता का सम्मान हमेशा मेरे लिए सर्वोपरि रहा है।" उन्होंने भावुक होकर बताया कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं हैं और उन्होंने 100 साल की उम्र पूरी करके दुनिया को अलविदा कह दिया।
RJD-कांग्रेस मंच से गालियों का जिक्र
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि बिहार में RJD-कांग्रेस के मंच से उनकी मां को गालियां दी गईं। उन्होंने कहा कि "ये गालियां सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं हैं, बल्कि यह देश की सभी माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान है।" पीएम ने बताया कि उनकी मां राजनीति से बिल्कुल दूर थीं और उनका शरीर अब इस दुनिया में नहीं है, फिर भी उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की गईं।
बिहार की जनता की पीड़ा को साझा किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें पता है कि बिहार की जनता को भी यह देखकर बहुत दुख और पीड़ा हुई होगी। उन्होंने बताया कि लाखों माताओं और बहनों के सामने वह अपने व्यक्तिगत दुख को साझा कर रहे हैं ताकि जनता का आशीर्वाद लेकर वह इस परिस्थिति को झेल सकें। पीएम मोदी ने बिहार की जनता के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त किया और कहा कि उनकी पीड़ा का हिस्सा बिहार की जनता भी महसूस कर रही है।
मां भारती की सेवा में मां का योगदान
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि उनके जीवन में उनकी मां ने हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, "मैंने हर दिन अपने देश के लिए मेहनत की है और इसमें मेरी मां का योगदान बहुत बड़ा रहा है। मुझे मां भारती की सेवा करनी थी, इसलिए मेरी मां ने मुझे अपने दायित्वों से मुक्त किया।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि एक गरीब मां की तपस्या और उसके बेटे की पीड़ा को शाही खानदानों में पैदा हुए लोग नहीं समझ सकते। उन्होंने कहा कि कई नामदार परिवार अपने खानदान की विरासत के लिए सत्ता चाहते हैं और उन्हें लगता है कि कुर्सी सिर्फ उन्हें मिलनी चाहिए। लेकिन देश की जनता ने एक गरीब मां के बेटे को प्रधानसेवक बनाकर आशीर्वाद दिया।