फिल्मों की चकाचौंध भरी दुनिया से निकलकर राजनीति के मंच पर छा जाने वाली अदाकारा सायोनी घोष आज एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी हैं। फिल्मों में ग्लैमरस और दमदार भूमिकाओं से पहचान बनाने वाली सायोनी ने अभिनय में जितनी मजबूत छाप छोड़ी।
Bollywood: एक समय पर बंगाली फिल्मों में अपने ग्लैमरस अंदाज़ और दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने वाली सायोनी घोष अब भारत की राजनीति में भी एक चमकता हुआ नाम बन चुकी हैं। एक्टिंग से लेकर सांसद बनने तक का उनका यह सफर कई युवा कलाकारों और नेताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
2024 लोकसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज कर वे जादवपुर लोकसभा सीट से सांसद बनीं और संसद में अपनी सशक्त उपस्थिति से सभी का ध्यान खींच रही हैं। हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर उनके प्रभावी भाषण ने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।
फिल्मी करियर: ग्लैमर के साथ विविधता
सायोनी घोष का जन्म और पालन-पोषण कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ। उन्होंने टेलीफिल्म ‘इच्छे दाना’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वे बंगाली सिनेमा में उतर गईं और साल 2010 में कॉमेडी फिल्म ‘नोटोबोर नॉटआउट’ से बड़े पर्दे पर डेब्यू किया। हालांकि, उनका रोल छोटा था, लेकिन उन्होंने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
सायोनी ने ‘एकला चलो’ (2015) में मुख्य भूमिका निभाई, जिसमें वे एक सिंगल मदर ‘रिया’ के किरदार में नजर आईं। इस फिल्म को उनके अभिनय और संवेदनशील विषय के लिए सराहा गया। इसके अलावा वे ‘बिटनून’, ‘द्विखंडितो’, ‘शत्रु’, ‘कनामाची’, ‘राजकहिनी’ जैसी फिल्मों में भी नजर आईं। उन्होंने सिर्फ अभिनय ही नहीं, म्यूजिक और टीवी शोज में भी हाथ आजमाया और अपनी बहुमुखी प्रतिभा से दर्शकों को प्रभावित किया।
राजनीति में एंट्री: हार से हौसले तक
सायोनी ने 24 फरवरी 2021 को तृणमूल कांग्रेस (TMC) जॉइन की। उसी साल उन्हें आसनसोल दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला, जहां वे बीजेपी की अग्निमित्रा पॉल से करीब 4400 वोटों से हार गईं। हालांकि, इस हार से उनका हौसला नहीं टूटा। जून 2021 में उन्हें TMC युवा कांग्रेस का राज्य अध्यक्ष बना दिया गया। इससे पहले यह पद पार्टी के कद्दावर नेता अभिषेक बनर्जी के पास था।
2024 लोकसभा चुनाव में TMC ने सायोनी घोष को जादवपुर सीट से टिकट दिया। यह वही सीट है, जहां से खुद ममता बनर्जी ने 1984 में जीत दर्ज की थी। इस सीट से पहले मिमी चक्रवर्ती सांसद थीं, जिन्होंने 2024 चुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया था। सायोनी ने पारंपरिक प्रचार की जगह डोर-टू-डोर कैंपेनिंग और व्यक्तिगत संपर्क को प्राथमिकता दी। उन्होंने खुद को एक स्थानीय उम्मीदवार के रूप में पेश किया — मैं यहीं पली-बढ़ी हूं, यहीं की पढ़ाई की है और यहीं रहती हूं।
इस भरोसेमंद छवि ने उन्हें मतदाताओं से गहरा जुड़ाव दिलाया और वे 717,899 वोटों के साथ विजयी रहीं। उन्होंने बीजेपी के डॉ. अनिरबान गांगुली को 258,201 वोटों के बड़े अंतर से हराया। CPI(M) के श्रीजान भट्टाचार्य तीसरे स्थान पर रहे।
संसद में प्रभावशाली उपस्थिति
सायोनी घोष संसद में अपनी सक्रियता और प्रखर वक्तृत्व के लिए जानी जा रही हैं। उनके भाषण न केवल युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और सामाजिक मुद्दों पर उनकी स्पष्ट राय उन्हें एक जिम्मेदार नेता के रूप में स्थापित कर रही है। ऑपरेशन सिंदूर पर उनकी संसद में की गई हालिया चर्चा ने उन्हें फिर से राष्ट्रीय चर्चा में ला दिया है। वे उन कुछ सांसदों में शामिल हैं, जो ग्लैमर से निकलकर नीतिगत मुद्दों पर सारगर्भित और तथ्यात्मक बातें करने के लिए जानी जाती हैं।
सायोनी घोष का राजनीतिक सफर यह दर्शाता है कि फिल्मी दुनिया की चमक-दमक से आगे भी जीवन में सामाजिक उत्तरदायित्व और सार्वजनिक सेवा का महत्व होता है। उन्होंने यह साबित किया है कि एक्ट्रेस होना किसी की राजनीतिक गंभीरता को कम नहीं करता, बल्कि सही सोच और प्रतिबद्धता के साथ कोई भी क्षेत्र में मिसाल बन सकता है।