पंजाब एक बार फिर से चुनावी गतिविधियों के दौर में प्रवेश करने जा रहा है। राज्य सरकार ने पंचायत समितियों और जिला परिषदों के चुनावों को 5 अक्टूबर तक संपन्न कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत सभी जिलों के एडीसी (डेवलपमेंट) को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
Punjab Panchayat Elections 2025: पंजाब में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने पंचायत समितियों और जिला परिषदों के चुनाव 5 अक्टूबर 2025 तक आयोजित करवाने की योजना को मंजूरी दे दी है। इसके लिए राज्य कैबिनेट ने हाल ही में ब्लॉकों के पुनर्गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है, जो लंबे समय से अटका हुआ था।
अब ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने सभी जिलों के एडीसी (विकास) को चुनाव की तैयारियों में जुट जाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही राज्य चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव तिथियों की औपचारिक घोषणा करेगा।
पुनर्गठन के बाद फिर शुरू हुआ चुनावी सिलसिला
पिछले कुछ महीनों से पंचायत समिति और जिला परिषद चुनाव रुके हुए थे, क्योंकि राज्य सरकार की ओर से ब्लॉक पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई थी। लेकिन अब जैसे ही कैबिनेट से इस पर मुहर लगी, चुनावी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। ग्रामीण विकास विभाग की ओर से सभी जिला अधिकारियों को लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं कि वे 5 अक्टूबर तक चुनाव संपन्न करवाने के लिए वार्डबंदी, चुनाव हलकों का निर्धारण और प्रस्ताव भेजने जैसी तैयारी तुरंत शुरू करें।
नए ब्लॉकों के आधार पर अब पंचायत और जिला परिषद चुनाव के लिए वार्डबंदी की प्रक्रिया नए सिरे से की जाएगी। विभाग की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि सभी एडीसी डेवलपमेंट ब्लॉकों के पुनर्गठन प्रस्ताव के अनुरूप ही चुनाव हलके बनाएं। इसके लिए स्थानीय ग्राम सभाओं, गांवों के नाम, और हदबस्त नंबरों को भी रिकॉर्ड में दर्ज करना होगा। चुनाव हलके बनाने के लिए सभी संबंधित स्टेकहोल्डर्स (ग्राम पंचायतें, क्षेत्रीय प्रतिनिधि, जिला अधिकारी आदि) से तालमेल बैठकें कर उन्हें तैयार किया जाएगा।
4 अगस्त तक विभाग को सौंपनी होगी रिपोर्ट
सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि 4 अगस्त तक सभी हलकों की रिपोर्ट प्रोफार्मा के साथ विभाग को सौंपी जाए। रिपोर्ट के साथ एक प्रमाण पत्र भी संलग्न करना अनिवार्य होगा जिसमें यह पुष्टि की जाए कि प्रत्येक पंचायत समिति के अंतर्गत आने वाले सभी गांव प्रस्तावित हलकों में शामिल हैं और कोई क्षेत्र बाहर नहीं रह गया है।
इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्वाचन प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। राज्य के ग्रामीण विकास सचिव अजीत बालाजी जोशी ने इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए 2 अगस्त को सभी जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में ब्लॉकों के पुनर्गठन के बाद की गई तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही यह भी निर्देश जारी किए गए हैं कि यदि कोई अधिकारी निर्धारित समयसीमा के भीतर प्रस्ताव नहीं भेजता, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।