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पश्चिमी यूपी में ड्रोन से दहशत, प्रशासन अलर्ट, ग्रामीणों में डर और बेचैनी

पश्चिमी यूपी में ड्रोन से दहशत, प्रशासन अलर्ट, ग्रामीणों में डर और बेचैनी

पश्चिमी यूपी के गांवों में रहस्यमयी ड्रोन की उड़ानों से दहशत का माहौल है। चोरी और हमलों की घटनाओं के बाद लोग रातभर पहरा दे रहे हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश: कई गांव इन दिनों एक अदृश्य खतरे से जूझ रहे हैं। यह खतरा न तो कोई प्राकृतिक आपदा है और न ही कोई बड़ी आतंकी साजिश, बल्कि यह है रहस्यमयी ड्रोन, जो रात के अंधेरे में बिना पहचान के उड़ते देखे जा रहे हैं। इन ड्रोन की वजह से अब गांवों में रातें चैन से नहीं गुजर रहीं। लोग जागकर पहरा दे रहे हैं और सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी अफवाहें व वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं।

ड्रोन की रहस्यमयी उड़ानें: गांव से शहर तक

मुरादाबाद, बिजनौर, बदायूं, अमरोहा, संभल और हापुड़ जैसे जिलों में दर्जनों ग्रामीणों ने रात में आसमान में चमकती रोशनी और तेज आवाज वाले ड्रोन देखे हैं। शुरुआत में ग्रामीण इलाकों तक सीमित यह डर अब शहरों तक पहुंचने लगा है। बिजनौर के चांदपुर, नूरपुर, हल्दौर, और झालू जैसे अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी लोग ड्रोन की उड़ान और उसकी आवाज को महसूस कर रहे हैं। जहां एक ओर युवा इनके वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं, वहीं बुजुर्ग और महिलाएं इसे अनहोनी का संकेत मान रही हैं।

वीडियो बनाते वक्त छत से गिरा व्यक्ति, मौत

ड्रोन की मौजूदगी के कारण लोगों का जिज्ञासा और डर चरम पर है। इसी जिज्ञासा में बिजनौर के कोलासागर गांव में एक दर्दनाक हादसा हो गया।
45 वर्षीय सुरेंद्र उर्फ सोनू रात में छत पर सो रहा था। ड्रोन की आवाज सुनकर वह उठ गया और वीडियो बनाने की कोशिश करने लगा। इसी दौरान उसका संतुलन बिगड़ा और वह छत से नीचे गिर गया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हालांकि पुलिस इसे दुर्घटना मान रही है, लेकिन गांव के लोग इस घटना को ड्रोन से जुड़ी असामान्यता से जोड़ रहे हैं। वे इसे एक संकेत मान रहे हैं कि ये ड्रोन केवल उड़ने वाले यंत्र नहीं, बल्कि खतरे की आहट हैं।

बदायूं में छह ड्रोन एकसाथ देखे गए

बदायूं जिले के बगरैन गांव में शनिवार रात 11 बजे ग्रामीणों ने एक साथ छह ड्रोन को उड़ते देखा। गांववालों ने बताया कि ये ड्रोन तेज रोशनी और आवाज के साथ धीरे-धीरे इलाके की रेकी कर रहे थे। इस दृश्य ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया। ग्रामीणों को शक है कि ये ड्रोन अपराधियों द्वारा संभावित चोरी या हमले की योजना के तहत उड़ाए जा रहे हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की, लेकिन न तो ड्रोन मिले और न ही कोई संदिग्ध।

हापुड़ में ड्रोन के बाद लूट और मारपीट

हापुड़ जिले के माधापुर गांव में ड्रोन की गतिविधि के कुछ ही घंटों बाद चार घरों में चोरी और दो में महिलाओं से मारपीट की घटनाएं हुईं। यह घटना शनिवार रात की है। गांव में दहशत का माहौल और भी गहरा गया। सीसीटीवी फुटेज में कुछ संदिग्ध युवक दिखाई दे रहे हैं। पुलिस उनकी पहचान में लगी है। हालांकि यह संयोग मात्र है या ड्रोन के माध्यम से पहले रेकी की गई—इस पर अभी स्पष्टता नहीं है।

अफवाहें या साजिश? उलझन में प्रशासन

इन रहस्यमयी ड्रोन को लेकर प्रशासन दोराहे पर खड़ा है। एक ओर ग्रामीणों का डर है, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर तांत्रिक गतिविधियों, विदेशी जासूसी और काले जादू से जुड़े तमाम दावे वायरल हो रहे हैं। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि 'अभी तक ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि ड्रोन का इस्तेमाल अपराध में हो रहा है। फिर भी सभी घटनाओं की गंभीरता से जांच की जा रही है।'

तकनीक का उजाला या अंधेरे का हथियार?

ड्रोन को आधुनिक तकनीक और निगरानी का सशक्त माध्यम माना जाता है। कृषि, चिकित्सा, रक्षा और मीडिया में इसकी उपयोगिता सिद्ध हो चुकी है। लेकिन जब यही ड्रोन बिना पहचान के रात के अंधेरे में उड़े, तो यह डर का प्रतीक बन जाते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अभी तक इन ड्रोन को उड़ाने वालों की न तो पहचान हो पाई है और न ही कोई ठोस उद्देश्य सामने आया है। इससे स्थिति और भी अधिक भयावह और रहस्यमयी बन गई है।

क्या करें प्रशासन और आम जनता?

  1. स्थानीय निगरानी टीमों का गठन: गांवों में प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को ड्रोन की गतिविधियों की रिपोर्टिंग के लिए तैयार किया जाए।
  2. ड्रोन रजिस्ट्री की जाँच: सभी अधिकृत ड्रोन के पंजीकरण की समीक्षा की जाए।
  3. सीसीटीवी और थर्मल कैमरे लगाए जाएं जहां ड्रोन लगातार देखे जा रहे हैं।
  4. सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर निगरानी जरूरी है।

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