राज्यसभा में SIR पर चर्चा को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच तीखा विवाद हुआ। विपक्ष ने चर्चा की मांग की, जबकि जेपी नड्डा ने इसे अराजकता बताया। अंत में विपक्ष सदन से बहिर्गमन कर गया।
Rajyasbha: राज्यसभा में मंगलवार को SIR (Special Intensive Revision) पर चर्चा की मांग को लेकर भारी हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सदस्यों ने सदन के अध्यक्ष से कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने की अनुमति देने की मांग की, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इसका कड़ा विरोध किया। इस विवाद के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई और विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।
विपक्ष की मांग और खड़गे का आरोप
विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में SIR पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि यह प्रक्रिया दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, गरीबों और हाशिए पर पड़े वर्गों के वोटों को प्रभावित कर रही है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर इस मामले में पक्षपात और भेदभाव का आरोप लगाया। खड़गे ने कहा कि इस मुद्दे को बिना किसी बाधा के खुलकर सदन में उठाया जाना चाहिए।
जेपी नड्डा ने विपक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने खड़गे के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष स्वस्थ लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन यह सब नियमों के अनुसार होना चाहिए। नड्डा ने कहा कि विपक्ष की कार्यशैली सदन के सुचारू संचालन में बाधा डालने वाली है और यह संसद की गरिमा को नुकसान पहुंचाती है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष लगातार अराजकता फैलाने की कोशिश करता है और संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहा है। नड्डा ने यह भी कहा कि मानसून सत्र के दौरान अब तक 64 घंटे से अधिक समय विपक्ष ने व्यर्थ किया है। उन्होंने सदन के सभापति से आग्रह किया कि विपक्ष के नेता द्वारा दिए गए राजनीतिक बयान को सदन की आधिकारिक कार्यवाही से हटा दिया जाए, क्योंकि यह संसद के नियमों के खिलाफ है।
संसद की कार्यवाही और नियमों की बात
जेपी नड्डा ने स्पष्ट किया कि सरकार नियमों के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष की ओर से नियमों की अवहेलना की जा रही है। उन्होंने बताया कि विपक्ष हमेशा नियम 267 के तहत "श्रीमान" पर चर्चा की मांग करता है, लेकिन यह नियम ऐसे राजनीतिक बयानों के लिए नहीं है। नड्डा ने कहा कि विपक्ष की मांग केवल राजनीतिक विवाद फैलाने के लिए है और वे सदन की गरिमा को बनाए रखने में रुचि नहीं रखते।
विपक्ष का बहिर्गमन और हंगामा
विपक्षी सदस्यों की चर्चा की मांग अस्वीकार किए जाने के बाद, उन्होंने विरोध स्वरूप सदन से बहिर्गमन किया। विपक्ष का कहना था कि सरकार मुद्दों पर खुली चर्चा नहीं चाहती और वह जनता के सवालों का जवाब नहीं देना चाहती। इस दौरान सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई और हंगामा मचा रहा।
जेपी नड्डा का सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर
नड्डा ने कहा कि सरकार संसद की गरिमा और नियमों का सम्मान करती है। उन्होंने दोहराया कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन विपक्ष की बाधाएं और अराजकता से संसद का कामकाज प्रभावित होता है। नड्डा ने यह भी कहा कि सत्र के दौरान विपक्ष ने 64 घंटे से अधिक समय बेकार किया है, जिससे महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हुए हैं।