भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त 2025 की मौद्रिक नीति समीक्षा में ट्रेजरी बिल्स (T-Bills) में SIP के जरिए निवेश की अनुमति दी है। यह सुविधा रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर मिलेगी, जिससे आम निवेशक म्यूचुअल फंड की तरह छोटे-छोटे निवेश करके सरकारी प्रतिभूतियों में भागीदारी कर सकेंगे।
6 अगस्त 2025 को आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति बैठक में एक अहम फैसला लिया गया, जिसमें अब रिटेल निवेशकों को ट्रेजरी बिल्स (T-Bills) में SIP के जरिए निवेश की सुविधा देने की घोषणा की गई। यह सुविधा RBI के रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी। इसका उद्देश्य सरकारी बॉन्ड्स और टी-बिल्स में आम लोगों की भागीदारी बढ़ाना और निवेश प्रक्रिया को सरल बनाना है। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि यह सुविधा म्यूचुअल फंड जैसी होगी, जिससे निवेश में अनुशासन और नियमितता आएगी।
2021 में लॉन्च हुआ था रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म
रिजर्व बैंक ने नवंबर 2021 में रिटेल डायरेक्ट स्कीम शुरू की थी। इसके जरिए देश के किसी भी हिस्से में रहने वाला आम नागरिक सीधे सरकारी बॉन्ड्स और ट्रेजरी बिल्स में निवेश कर सकता है। पहले इस प्लेटफॉर्म पर केवल मैनुअल तरीके से निवेश होता था, लेकिन अब इसे एक नई दिशा दी गई है।
अब म्यूचुअल फंड की तरह टी-बिल्स में भी SIP
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बाय-मंथली मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग के दौरान बताया कि रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर अब SIP की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। यानी अब निवेशक तय अंतराल पर अपने खाते से राशि कटवाकर नियमित तौर पर टी-बिल्स में निवेश कर सकेंगे। यह सुविधा ठीक उसी तरह होगी जैसे म्यूचुअल फंड में SIP चलता है।
इस नए फीचर के जुड़ने से निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में नियमित निवेश की सुविधा मिलेगी। साथ ही, निवेश में अनुशासन बनेगा और रिटर्न को लेकर भी एक बेहतर दृष्टिकोण विकसित होगा। टी-बिल्स को हमेशा से सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता रहा है, और SIP जैसे टूल्स इसे और भी सरल बना देंगे।
नए टूल्स मिलेंगे निवेशकों को
RBI ने जानकारी दी है कि इस सुविधा के साथ रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर निवेशकों के लिए कुछ और तकनीकी टूल्स भी जोड़े जाएंगे। ये टूल्स निवेश योजना बनाने, निवेश का शेड्यूल तय करने और ऑटो डेबिट जैसी सुविधाओं को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने में मदद करेंगे।
वित्तीय क्षेत्र से जुड़े जानकारों ने इस फैसले की सराहना की है। रिसर्जेंट इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टर ज्योति प्रकाश गड़िया का कहना है कि यह एक सकारात्मक कदम है जो सरकार की प्रतिभूतियों में खुदरा निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा देगा। वहीं, इंडिया फर्स्ट लाइफ की चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर पूनम तंदन ने इसे संतुलित नीति का संकेत बताया।
पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 5.5 फीसदी पर स्थिर रखने का निर्णय लिया गया है। समिति के सभी छह सदस्यों ने सर्वसम्मति से इस दर को यथावत रखने के पक्ष में मतदान किया। RBI ने वैश्विक बाजारों में चल रही अनिश्चितताओं और घरेलू महंगाई की स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया है।
गवर्नर ने क्या कहा
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि रिटेल निवेशकों को सरकारी बॉन्ड्स और ट्रेजरी बिल्स में भागीदारी के लिए ज्यादा सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि SIP सुविधा से निवेश को सहज और व्यवस्थित बनाया जा सकेगा, जिससे रिटेल निवेशकों को फायदा होगा।
SIP से जुड़े फायदे क्या होंगे
- हर महीने छोटी राशि से निवेश संभव होगा
- लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना
- कम रिस्क वाले निवेश विकल्प के तौर पर टी-बिल्स बेहतर
- निवेशकों को किसी एक्सपर्ट की जरूरत नहीं
- निवेश में अनुशासन बना रहेगा
ट्रेजरी बिल्स कम समय की सरकारी प्रतिभूतियां होती हैं जिन्हें 91 दिन, 182 दिन और 364 दिन की अवधि में जारी किया जाता है। इन पर सरकार गारंटी देती है, इसलिए इन्हें बेहद सुरक्षित माना जाता है। अब SIP सुविधा के साथ निवेशक कम राशि से शुरुआत कर इन्हें अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकेंगे।
कैसे करें इस सुविधा का इस्तेमाल
- रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करें
- अपने बैंक अकाउंट और KYC डॉक्यूमेंट्स से लिंक करें
- SIP विकल्प को चुनें और निवेश की राशि व अंतराल निर्धारित करें
- तय समय पर राशि आपके खाते से कटेगी और टी-बिल्स में निवेश हो जाएगा
इस फैसले के जरिए रिजर्व बैंक ने अपने डिजिटल और रिटेल फोकस को और मजबूत किया है। छोटे निवेशकों को अब सरकारी बॉन्ड्स जैसे विकल्पों में नियमित और पारदर्शी निवेश का रास्ता मिल गया है।