SEBI ने विदेशी निवेशकों के लिए IPO नियमों में बदलाव करते हुए नया एकल खिड़की ढांचा ‘स्वागत-एफआई’ पेश किया है। इसके तहत कम जोखिम वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और विदेशी उद्यम पूंजी निवेशकों के लिए पंजीकरण और निवेश प्रक्रिया आसान होगी। वैधता अवधि बढ़ाकर 10 साल की गई और निवेशकों को एक ही डीमैट खाते में निवेश रखने की अनुमति दी गई।
IPO SEBI Rules: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने विदेशी निवेशकों के लिए IPO नियमों में सुधार करते हुए नया ढांचा ‘स्वागत-एफआई’ पेश किया है। इसके तहत सरकारी और कम जोखिम वाले विदेशी निवेशकों को पंजीकरण और निवेश में सरलता मिलेगी, दस्तावेज़ीकरण कम होगा और वैधता अवधि 10 साल हो गई है। यह पहल भारत को अधिक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाने और एफपीआई तथा एफवीसीआई निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई है।
स्वागत-एफआई क्या है?
नए ढांचे को 'भरोसेमंद विदेशी निवेशकों के लिए स्वचालित और सामान्यीकृत पहुंच की एकल खिड़की व्यवस्था' का नाम दिया गया है। SEBI के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बताया कि इस ढांचे से कम जोखिम वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) और विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक (FVCI) दोनों के लिए निवेश करना आसान हो जाएगा। इसके तहत निवेशक एक ही खिड़की से पंजीकरण कर निवेश प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
किसे मिलेगा फायदा?
सेबी ने स्पष्ट किया कि इस योजना से सरकारी स्वामित्व वाले कोष, केंद्रीय बैंक, सरकारी संपत्ति कोष, बहुपक्षीय संस्थाएं, बीमा कंपनियां और पेंशन फंड जैसे निवेशकों को सुविधा मिलेगी। पंजीकरण की वैधता अवधि को 3-5 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। इसके अलावा निवेशकों को वैकल्पिक रूप से सभी निवेश एक ही डीमैट खाते में रखने की अनुमति दी जाएगी।
निवेश प्रक्रिया होगी आसान
स्वागत-एफआई ढांचे के तहत कम जोखिम वाले निवेशकों के लिए पंजीकरण और निवेश प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। बार-बार दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करना सरल और तेज़ होगा। यह कदम भारत को निवेश के लिए अधिक आकर्षक गंतव्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
बड़ी कंपनियां पेश कर सकेंगी छोटे IPO
सेबी ने यह भी कहा कि इस ढांचे के लागू होने के बाद बड़ी कंपनियां छोटे IPO भी पेश कर सकेंगी। इससे स्टार्टअप्स और चयनित क्षेत्रों में निवेशकों को निवेश करने का अवसर मिलेगा। पंजीकरण प्राप्त निवेशक सूचीबद्ध इक्विटी और ऋण साधनों में FPI के रूप में और स्टार्टअप व चयनित क्षेत्रों में FVCI के रूप में निवेश कर सकेंगे।
विदेशी निवेशकों का बड़ा योगदान
देश में जून 2025 तक कुल 11,913 FPI पंजीकृत थे, जिनकी कुल परिसंपत्ति 80.83 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। अनुमान है कि इन निवेशकों में से 70 प्रतिशत से अधिक परिसंपत्तियां स्वागत-एफआई निवेशकों के पास होंगी। यह दिखाता है कि विदेशी निवेशकों की भागीदारी भारतीय बाजार में महत्वपूर्ण है।
नियमों के लागू होने का समय
सेबी ने बताया कि आवश्यक प्रक्रियागत सुधार पूरे होने के बाद स्वागत-एफआई ढांचा अगले छह माह में पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही विदेशी निवेशकों को निवेश प्रक्रिया में सुविधा और पारदर्शिता मिलेगी। इससे भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पूंजी का प्रवेश बढ़ेगा और निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा।
SEBI का उद्देश्य
सेबी का उद्देश्य विदेशी निवेशकों के लिए अनुपालन को सरल बनाना और भारत को अधिक निवेश आकर्षक बनाना है। स्वागत-एफआई योजना से निवेशकों को समय और संसाधनों की बचत होगी। इसके अलावा बार-बार पंजीकरण और दस्तावेज पेश करने की जरूरत समाप्त हो जाएगी।
निवेशकों को मिलने वाले फायदे
इस नए नियम से निवेशकों को कई फायदे होंगे। सबसे पहले, पंजीकरण की वैधता अवधि 10 साल होगी। दूसरे, निवेशकों को विकल्प मिलेगा कि वे सभी निवेश एक ही डीमैट खाते में रखें। तीसरे, स्टार्टअप्स और चयनित क्षेत्रों में निवेश करना आसान होगा। चौथे, विदेशी निवेशक भारत में निवेश करते समय कम जटिलताओं का सामना करेंगे।