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शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक वापसी पर पीएम मोदी ने दी बधाई, कहा- 'एक अरब सपनों को दी प्रेरणा'

शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक वापसी पर पीएम मोदी ने दी बधाई, कहा- 'एक अरब सपनों को दी प्रेरणा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का पूरे देश की ओर से स्वागत किया है। पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा, मैं देश के साथ जुड़कर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन के बाद धरती पर लौटे हैं।

Shubhanshu Shukla Return: भारत के लिए 14 जुलाई 2025 का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अपने 18 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर धरती पर सुरक्षित लौट आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु शुक्ला के ऐतिहासिक मिशन और उनकी सुरक्षित वापसी पर देश की ओर से उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और इसे 'गगनयान मिशन' की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।

पीएम मोदी ने की सराहना, बताया देश के लिए प्रेरणा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं देश के साथ जुड़कर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन के बाद धरती पर लौटे हैं। उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से एक अरब से ज्यादा सपनों को प्रेरणा दी है। यह भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' की दिशा में एक बड़ा कदम है।

शुभांशु शुक्ला भारत के पहले ऐसे अंतरिक्ष यात्री बने हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा किया। इससे पहले राकेश शर्मा (1984) ने सोयूज टी-11 मिशन से अंतरिक्ष की यात्रा की थी, लेकिन शुभांशु शुक्ला का यह मिशन आधुनिक युग में भारत की नई अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है।

Axiom-4 मिशन: भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपनी यह ऐतिहासिक यात्रा Axiom-4 मिशन के तहत पूरी की। इस मिशन में उनके साथ अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन, हंगरी के तिबोर कापु और पोलैंड के स्लावोस उज़नांस्की-विस्नेव्स्की शामिल थे। इन सभी अंतरिक्ष यात्रियों ने ड्रैगन 'ग्रेस' स्पेसक्राफ्ट से 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार शाम 4:45 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से उड़ान भरी और 22.5 घंटे के सफर के बाद धरती पर सफलतापूर्वक स्प्लैशडाउन किया। यह मिशन भारत के लिए न सिर्फ गौरव का क्षण रहा, बल्कि आने वाले वर्षों में भारत के मानव अंतरिक्ष अभियानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दी बधाई

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस मौके पर शुभांशु शुक्ला को बधाई दी। उन्होंने कहा, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की Axiom-4 मिशन से सफल वापसी हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने सिर्फ अंतरिक्ष को नहीं छुआ, बल्कि भारत की महत्वाकांक्षाओं को नई ऊंचाई दी है। यह उपलब्धि सिर्फ उनकी व्यक्तिगत नहीं, बल्कि भारत के भविष्य की अंतरिक्ष यात्रा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारत के बहुप्रतीक्षित गगनयान मिशन के लिए मील का पत्थर मानी जा रही है। ISRO पहले ही 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' के लॉन्च की तैयारी में जुटा है। शुभांशु शुक्ला के सफल मिशन से भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और मिशन प्लानर्स को अंतरिक्ष में मानव शरीर के व्यवहार, अंतरिक्ष जीवन प्रणाली और तकनीकी चुनौतियों को समझने का अमूल्य अनुभव मिला है।

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