जयपुर स्थित सवाई मानसिंह (SMS) मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अहम कदम उठाया है। अब अस्पतालों में भर्ती हर मरीज को वरिष्ठ डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखा जाएगा।
जयपुर: राज्य के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में शामिल सवाई मानसिंह (SMS) मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में अब मरीजों को इलाज के दौरान और बेहतर सुविधाएं मिलने जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत अब सीनियर डॉक्टर दिन में दो बार मरीजों का विजिट करेंगे, ताकि इलाज में पारदर्शिता, गंभीरता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी?
बीते कुछ महीनों में मरीजों और उनके परिजनों से लगातार शिकायतें आ रही थीं कि सीनियर डॉक्टर एक ही बार विजिट कर पाते हैं, और कभी-कभी उनकी उपस्थिति भी पूरी नहीं रहती। इससे मरीजों के इलाज में देरी हो रही थी और जटिल मामलों में भी जूनियर डॉक्टरों के भरोसे इलाज किया जा रहा था। इसी को देखते हुए कॉलेज प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने यह अहम निर्णय लिया है।
क्या होगा नया नियम?
अब सभी सीनियर डॉक्टरों को सुबह और दोपहर – दोनों समय अपने-अपने वार्ड में विजिट करना अनिवार्य होगा।
- पहला विजिट: सुबह 9:00 बजे से 11:00 बजे के बीच
- दूसरा विजिट: दोपहर 3:00 बजे से 5:00 बजे के बीच
इन विजिट्स में मरीज की स्थिति, इलाज की प्रगति, दवाइयों के प्रभाव, और किसी भी जरूरी बदलाव को डॉक्टरों द्वारा व्यक्तिगत रूप से देखा जाएगा।
मरीजों को क्या फायदा होगा?
- गंभीर रोगियों को दिन में दो बार विशेषज्ञ राय मिलेगी
- इलाज में अगर कोई दिक्कत हो तो तुरंत समाधान किया जा सकेगा
- जूनियर डॉक्टरों को भी बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा
- परिजन सीधे सीनियर डॉक्टर से सवाल पूछ सकेंगे
प्रशासन की क्या है तैयारी?
SMS मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पहले चरण में मेडिसिन, सर्जरी, न्यूरोलॉजी, और ऑर्थोपेडिक विभागों में इस बदलाव को लागू किया है। अगले एक महीने में अन्य विभागों में भी यह नीति लागू कर दी जाएगी। इसके लिए डॉक्टरों की शेड्यूलिंग में बदलाव किए गए हैं ताकि किसी भी डॉक्टर पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
डीन डॉ. राजीव भटनागर ने बताया, “हमारा मकसद है कि मरीजों को अधिकतम गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवा मिले। विजिट बढ़ाने से डॉक्टरों और मरीजों के बीच संवाद बेहतर होगा और गंभीर मामलों की निगरानी समय पर हो सकेगी।
निगरानी और रिपोर्टिंग सिस्टम भी होगा मजबूत
हर विजिट के बाद डॉक्टरों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपडेट देना होगा जिसमें यह दर्ज होगा कि किन मरीजों को देखा गया, क्या उपचार परिवर्तन किया गया और क्या सिफारिशें दी गईं। इससे मेडिकल रिकॉर्ड्स को भी बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकेगा और किसी भी लापरवाही की स्थिति में जवाबदेही तय होगी।
नई व्यवस्था को लेकर मरीजों के परिजन काफी उत्साहित हैं। मरीज नरेश गुप्ता के बेटे ने कहा, “पहले हमें डॉक्टर से मिलने के लिए कई बार इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब जब दिन में दो बार विजिट होगा तो मन को तसल्ली होगी कि इलाज सही दिशा में चल रहा है।”