केरल क्रिकेट संघ (KCA) ने भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ एस श्रीसंत के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए उन्हें तीन साल के लिए निलंबित कर दिया है। यह फैसला संजू सैमसन को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की संभावित भारतीय टीम में शामिल न किए जाने पर उठे विवाद के बाद आया है।
स्पोर्ट्स न्यूज़: केरल क्रिकेट संघ (KCA) ने भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ एस श्रीसंत के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए उन्हें तीन साल के लिए निलंबित कर दिया है। यह फैसला संजू सैमसन को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की संभावित भारतीय टीम में शामिल न किए जाने पर उठे विवाद के बाद आया है। श्रीसंत ने इस चयन को लेकर संजू सैमसन का खुलकर समर्थन किया था और इस दौरान केसीए पर झूठे व अपमानजनक आरोप लगाए थे, जिसे संघ ने अपनी प्रतिष्ठा के खिलाफ माना।
केसीए ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि श्रीसंत के बयान संघ की छवि को धूमिल करने और क्रिकेट समुदाय में गलत संदेश फैलाने वाले थे। यह निर्णय 30 अप्रैल को कोच्चि में आयोजित विशेष बैठक में लिया गया। केसीए के अध्यक्ष जयेश जॉर्ज ने भी सार्वजनिक रूप से श्रीसंत के बयानों की आलोचना की और इसे अनुशासनहीनता बताया।
क्या है पूरा मामला?
विवाद की शुरुआत तब हुई जब चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम चयन में संजू सैमसन को नजरअंदाज किया गया। इस निर्णय को लेकर क्रिकेटप्रेमियों में निराशा तो थी ही, लेकिन केरल क्रिकेट संघ (KCA) के आंतरिक चयन प्रक्रिया और कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे। ऐसे में पूर्व तेज़ गेंदबाज़ एस. श्रीसंत ने एक मलयालम टीवी चैनल पर दिए साक्षात्कार में खुलकर केसीए की आलोचना की और संजू सैमसन के समर्थन में बयान दिया।
श्रीसंत ने न सिर्फ सैमसन का समर्थन किया बल्कि केसीए की नीतियों और चयन प्रक्रिया को पक्षपातपूर्ण और 'राजनीतिक' बताया। श्रीसंत ने कहा था, संजू सैमसन जैसे खिलाड़ी को नजरअंदाज करना केवल तकनीकी नहीं, बल्कि जानबूझकर की गई अनदेखी है। केसीए में कुछ गुट हैं जो व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए खिलाड़ियों के करियर से खेल रहे हैं।
केसीए का जवाब और कार्रवाई
श्रीसंत के बयान के बाद केसीए ने तुरंत एक्शन लिया और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया। साथ ही, कोल्लम एरीस, अलपुझा टीम लीड और अलपुझा रिपल्स जैसी फ्रेंचाइजी टीमों को भी नोटिस भेजा गया, जिनसे श्रीसंत का जुड़ाव है। हालांकि इन टीमों के जवाब संतोषजनक पाए गए और उन पर कोई अतिरिक्त कार्रवाई नहीं की गई।
श्रीसंत पर कार्रवाई करते हुए केसीए ने कहा, यह निर्णय श्रीसंत के बयान में केसीए और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ की गई अपमानजनक और झूठी टिप्पणियों के कारण लिया गया है, न कि संजू सैमसन के समर्थन की वजह से। संगठन की गरिमा बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।
मुआवजे की तैयारी
केसीए ने इस विवाद को केवल आंतरिक मामला नहीं माना, बल्कि सार्वजनिक रूप से संघ की छवि खराब करने की कार्रवाई मानते हुए कानूनी कदम उठाने की भी बात कही है। केसीए ने अपने आधिकारिक बयान में यह साफ किया कि संजू सैमसन के पिता सैमसन विश्वनाथ और दो अन्य लोगों के खिलाफ मुआवजे का दावा किया जाएगा, क्योंकि इन लोगों ने संजू सैमसन का नाम लेकर बेबुनियाद और आधारहीन आरोप लगाए।
श्रीसंत की टिप्पणी और उसके बाद पैदा हुआ विवाद संजू सैमसन के लिए नया सिरदर्द बन सकता है। केसीए के कुछ सूत्रों के अनुसार, इस मामले ने चयनकर्ताओं की नज़रों में अनावश्यक नकारात्मकता पैदा की है। हालांकि अभी तक बीसीसीआई की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि संजू के चयन पर इसका अप्रत्यक्ष असर पड़ सकता है।
श्रीसंत की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस पूरे मामले पर अभी तक श्रीसंत की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब वह विवादों में आए हों। 2013 के स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के बाद उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया था, जिसे बाद में हटाया गया। अब जब वह केरल क्रिकेट में फ्रेंचाइज़ी टीम कोल्लम एरीस के सह-मालिक हैं, ऐसे में उनकी यह भूमिका भी अब तीन साल तक प्रतिबंध के दायरे में रहेगी।