बिहार सरकार ने सफाई कर्मचारियों के अधिकारों और कल्याण के लिए राज्य स्तर पर 'सफाई कर्मचारी आयोग' के गठन की घोषणा की है। यह आयोग सुझाव, समाधान और निगरानी करेगा।
Bihar Safai Ayog: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले एक अहम घोषणा की है। बिहार में सफाई कर्मचारियों के हितों की रक्षा और कल्याण के लिए 'सफाई कर्मचारी आयोग' का गठन किया जाएगा। यह आयोग उनके अधिकारों की सुरक्षा, शिकायतों के निवारण और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी करेगा।
सफाई कर्मियों के लिए नई पहल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग का गठन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सफाई कर्मियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है।
उन्होंने कहा कि यह आयोग सफाई कर्मचारियों के हितों से जुड़ी नीतियों पर सुझाव देगा और उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू कराने में अहम भूमिका निभाएगा।
आयोग की संरचना और उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पांच सदस्य शामिल होंगे। इनमें से एक सदस्य महिला या ट्रांसजेंडर होगा, जिससे समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व मिल सके। यह आयोग विशेष रूप से उन समुदायों के लिए काम करेगा जो पारंपरिक रूप से सफाई कार्यों में लगे हैं और अब भी सामाजिक मुख्यधारा से काफी दूर हैं।
शिकायतों का समाधान और योजनाओं की निगरानी
यह आयोग सफाई कर्मियों से जुड़ी शिकायतों के निवारण की जिम्मेदारी भी निभाएगा। इसके साथ ही यह आयोग सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करेगा और उनके बेहतर कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा।
नीतीश कुमार ने इसे सफाई कर्मियों के सम्मान और उज्जवल भविष्य की दिशा में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के विकास और सम्मान की दिशा में काम करती रही है।
चुनाव से पहले सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश
राजनीतिक रूप से यह फैसला चुनाव से पहले समाज के एक बड़े वर्ग को साधने की कोशिश माना जा रहा है। सफाई कर्मचारी, जो आम तौर पर दलित और पिछड़े समुदाय से आते हैं, राज्य में एक महत्वपूर्ण सामाजिक आधार हैं।
पत्रकारों के लिए भी बड़ी घोषणा
सफाई कर्मचारियों के लिए आयोग के ऐलान से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों के हित में भी एक बड़ा फैसला लिया था। शनिवार को उन्होंने 'बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना' के तहत मिलने वाली पेंशन राशि को 6000 रुपये से बढ़ाकर 15000 रुपये प्रतिमाह करने की घोषणा की।
इसके अलावा, यदि किसी पत्रकार की मृत्यु हो जाती है, तो उनके आश्रित पति या पत्नी को अब तक 3000 रुपये की जगह 10000 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलेगी। नीतीश कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में पत्रकारों की भूमिका अहम है। वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं और उनकी सामाजिक भूमिका को सम्मान देने के लिए यह कदम उठाया गया है।
कब होंगे बिहार विधानसभा चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के अक्टूबर या नवंबर महीने में कराए जा सकते हैं। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। हालांकि, चुनाव आयोग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है।