गुरुवार को संसद में विपक्षी हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। विपक्ष ने नियम 267 के तहत कार्यस्थगन की मांग की।
Parliament Protest: गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा देखने को मिला। विपक्षी दलों के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया। हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
लोकसभा में नारेबाजी और तख्तियां लेकर पहुंचे विपक्षी सांसद
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसद नारेबाजी करते हुए तख्तियों के साथ वेल में पहुंच गए। इससे सदन की कार्यवाही बाधित हो गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने विपक्षी सांसदों से कहा, "क्या जनता ने आपको नारेबाजी और तख्तियां दिखाने के लिए चुना है? संसद चर्चा और संवाद के लिए है, जहां जनता की आकांक्षाएं व्यक्त की जाती हैं।" हालांकि विपक्ष नहीं माना और इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में भी हंगामा, नियम 267 पर टकराव
राज्यसभा में भी स्थिति कुछ अलग नहीं रही। उपसभापति हरिवंश ने बताया कि विपक्ष नियम 267 के तहत कार्यस्थगन की मांग कर रहा था, जिसे सभापति ने खारिज कर दिया। इसके बाद विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया और सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सोनिया गांधी भी विरोध प्रदर्शन में हुईं शामिल
गुरुवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इंडिया गठबंधन के सांसदों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं। उन्होंने संसद परिसर में 'मकर द्वार' पर सांसदों के साथ एकजुटता दिखाई। विपक्ष का यह प्रदर्शन बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) अभियान और बीजेपी शासित राज्यों में मज़दूरों की गिरफ्तारी के विरोध में था।
सरकार की ओर से आज पेश होंगे दो अहम विधेयक
हंगामे के बावजूद, राज्यसभा के एजेंडे में आज दो महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होनी है।
1 मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव
गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में एक प्रस्ताव पेश करेंगे, जिसमें मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि को 13 अगस्त, 2025 से छह महीने तक और बढ़ाने की अनुमति मांगी जाएगी। यह प्रस्ताव संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत आता है।
2 समुद्र द्वारा माल परिवहन विधेयक, 2025
केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल राज्यसभा में समुद्र द्वारा माल परिवहन विधेयक, 2025 को विचार और पारित कराने के लिए पेश करेंगे। यह विधेयक पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका है और इसमें समुद्री माल ढुलाई से जुड़ी जिम्मेदारियां, अधिकार, देनदारियां और छूट को स्पष्ट किया गया है।