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T-Mobile का नया CEO भारत के श्रीनिवास गोपालन, जानें उनकी सैलरी और भूमिका

T-Mobile का नया CEO भारत के श्रीनिवास गोपालन, जानें उनकी सैलरी और भूमिका

अमेरिकी दूरसंचार कंपनी T-Mobile ने भारत के श्रीनि गोपालन को नया CEO नियुक्त किया है। वे 1 नवंबर 2025 से कंपनी का नेतृत्व संभालेंगे। गोपालन का अनुभव और अंतरराष्ट्रीय पृष्ठभूमि T-Mobile के 5G नेटवर्क विस्तार और अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी। उनकी बेस एनुअल सैलरी 1.4 मिलियन डॉलर तय की गई है।

T-Mobile CEO Appointment: अमेरिकी दूरसंचार कंपनी T-Mobile ने भारत के श्रीनि गोपालन को नया CEO नियुक्त किया है। वे 1 नवंबर 2025 से कंपनी की कमान संभालेंगे और कंपनी के 5G नेटवर्क विस्तार तथा अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए रणनीति विकसित करेंगे। गोपालन वर्तमान में COO के रूप में कार्यरत हैं और उनके अनुभव में T-Mobile UK, वोडाफोन, भारती एयरटेल और डॉयचे टेलीकॉम जर्मनी शामिल हैं। पूर्व CEO माइक सीवर्ट अब वाइस-चेयरमैन होंगे। CEO पद पर उनकी बेस एनुअल सैलरी 1.4 मिलियन डॉलर तय की गई है।

श्रीनि गोपालन का अनुभव और प्रोफाइल

55 वर्षीय श्रीनि गोपालन ने दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया और IIM अहमदाबाद से MBA की डिग्री प्राप्त की।

उन्होंने एक्सेंचर और यूनिलीवर इंडिया में अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद T-Mobile UK में चीफ मार्केटिंग अफसर, वोडाफोन और भारती एयरटेल में उपभोक्ता निदेशक और डॉयचे टेलीकॉम जर्मनी में CEO के रूप में काम किया। मार्च 2025 में वे फिर से T-Mobile में COO बने।

गोपालन की सैलरी और लाभ

T-Mobile में COO के रूप में उनकी सालाना सैलरी 1 मिलियन डॉलर थी। CEO बनने के बाद उनकी बेस एनुअल सैलरी 1.4 मिलियन डॉलर होगी। इसके अलावा उन्हें अन्य भत्ते और बोनस भी मिलेंगे, जो उच्च पदाधिकारी के तौर पर उन्हें दिए जाते हैं।

गोपालन का अनुभव और अंतरराष्ट्रीय पृष्ठभूमि उन्हें 5G नेटवर्क विस्तार और कंपनी की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए उपयुक्त बनाती है।

T-Mobile के लिए नया अध्याय

गोपालन के नेतृत्व में T-Mobile तेज नेटवर्क सेवा, बेहतर ग्राहक अनुभव और तकनीकी नवाचार के जरिए अमेरिकी दूरसंचार बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने का लक्ष्य रखेगा। 5G नेटवर्क विस्तार और प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त कंपनी की प्राथमिकताओं में शामिल हैं।

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