उत्तर प्रदेश के बरेली में मौलाना तौकीर रजा खान के घर के बाहर हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 35 लोगों को गिरफ्तार किया और 10 एफआईआर दर्ज की गईं। सीएम योगी ने दंगाइयों को कड़ी चेतावनी दी और स्पष्ट किया कि राज्य में नाकाबंदी या कर्फ्यू नहीं लगेगा। मामले में प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है।
Bareilly Violence: बरेली में शुक्रवार को मौलाना तौकीर रजा खान के घर और आला हजरत दरगाह के बाहर मुस्लिम प्रदर्शनकारियों द्वारा उत्पन्न बवाल के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और मौलाना को हिरासत में लिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दंगाइयों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि राज्य में न तो नाकाबंदी होगी और न ही कर्फ्यू, लेकिन अब तक 10 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई और 35 को गिरफ्तार किया गया है। प्रशासन ने बताया कि पर्दे के पीछे छिपे हुए लोगों को भी खींचकर सामने लाया जाएगा और मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बरेली में हिंसा के कारण
घटना स्थल पर यह देखा गया कि मुस्लिम प्रदर्शनकारी आला हजरत दरगाह और मौलाना तौकीर रजा खान के आवास के बाहर जमा हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने "आई लव मुहम्मद" के पोस्टर और बैनर लेकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। बावजूद इसके बवाल हुआ और प्रशासन को मजबूरन सख्त कदम उठाने पड़े।
सीएम योगी का कड़ा संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बरेली में एक मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में न तो नाकाबंदी होगी और न ही कर्फ्यू लगाया जाएगा। सीएम ने कहा, “हमने जो सबक सिखाया है, उससे आने वाली पीढ़ियां दंगे करने से पहले दो बार सोचेंगी। यह दिखाता है कि व्यवस्था को रोकने का यह तरीका स्वीकार्य नहीं है।”
सीएम योगी ने 2017 से पहले की स्थिति का भी जिक्र किया और बताया कि पहले सत्ता का इस्तेमाल दंगाइयों के समर्थन में होता था। उन्होंने कहा कि पूर्व में दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर सम्मानित किया जाता था। पेशेवर अपराधी और माफिया भी सत्ता से आशीर्वाद पाते थे।
सीएम ने यह भी बताया कि सत्ता के पिछले मॉडल में कुछ नेताओं का व्यवहार अस्वीकार्य था। उन्होंने कहा कि दंगाइयों और माफियाओं के समर्थन में हाथ मिलाना और उनके कुत्तों के साथ व्यवहार करना आम था। यह बयान पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह और उनके शासनकाल के संदर्भ में था।
मौलाना तौकीर रजा की हिरासत और जांच
पुलिस ने बरेली हिंसा के सिलसिले में मौलाना तौकीर रजा को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ जारी है और संभव है कि उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाए। डीएम बरेली अविनाश सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ एनएसए के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है।
अब तक इस मामले में 10 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, जो लोग पीछे से हिंसा को उकसा रहे थे, उन्हें भी खींचकर सामने लाया जाएगा। प्रशासन ने साफ किया है कि इस मामले में कोई ढील नहीं दी जाएगी।
प्रशासन की कार्रवाई
बरेली पुलिस ने हिंसा के तुरंत बाद शहर के प्रमुख इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी। आला हजरत दरगाह और मौलाना तौकीर रजा खान के आवास के आसपास पुलिसकर्मी तैनात किए गए। प्रदर्शनकारियों को तुरंत काबू में लाने के लिए लाठीचार्ज किया गया।
प्रशासन का कहना है कि किसी भी तरह के दंगे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे। पुलिस और प्रशासन ने साफ कर दिया है कि किसी भी हिंसक समूह को शहर में अपनी ताकत दिखाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।