एमपी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष और पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. यूपी सिंह का निधन हो गया। 92 वर्षीय प्रो. सिंह गोरक्षपीठ के लगातार तीन पीठाधीश्वरों के मार्गदर्शन में सेवा करते रहे और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनका अंतिम संस्कार 28 सितंबर को राजघाट, गोरखपुर में होगा।
Gorakhpur News: महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष और पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. यूपी सिंह (92) का शनिवार सुबह निधन हो गया। मूल रूप से गाजीपुर जिले के निवासी प्रो. सिंह गोरक्षपीठ के लगातार तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य करने वाले विरले व्यक्तियों में से थे। उन्होंने गणित विषय में अध्यापन और शिक्षा परिषद के कार्यों में जीवन समर्पित किया। उनका अंतिम संस्कार 28 सितंबर को गोरखपुर के राजघाट में आयोजित होगा, जिसमें गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे।
शिक्षा और गोरक्षपीठ में योगदान
प्रो. यूपी सिंह का पूरा जीवन शिक्षा और गोरक्षपीठ की सेवा में समर्पित रहा। गाजीपुर जिले के मूल निवासी प्रो. सिंह उन विरले व्यक्तियों में से थे, जिन्हें गोरक्षपीठ के लगातार तीन पीठाधीश्वरों के मार्गदर्शन में कार्य करने का अवसर मिला। गणित विषय के विद्वान रहे प्रो. यूपी सिंह ने अपनी शिक्षण यात्रा की शुरुआत महाराणा प्रताप महाविद्यालय से की थी। यह महाविद्यालय महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज द्वारा गोरखपुर विश्वविद्यालय को दान में दिया गया था।
उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय में गणित के शिक्षक के रूप में अपनी सेवा शुरू की और बाद में पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के कुलपति के रूप में भी कार्य किया। महंत अवेद्यनाथ जी महाराज के मार्गदर्शन में उन्होंने एमपी शिक्षा परिषद में सक्रिय योगदान दिया। उनके साथियों का कहना है कि उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में न केवल शिक्षण, बल्कि संगठनात्मक कौशल के माध्यम से भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
विद्या भारती और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भूमिका
प्रो. यूपी सिंह ने विद्या भारती और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभिन्न पदों पर भी सेवाएं दीं। वर्ष 2018 में डॉ. भोलेन्द्र सिंह के बाद उन्हें महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। स्वास्थ्य संबंधी अस्वस्थता के बावजूद वह परिषद के कार्यों और अध्ययन में हमेशा सक्रिय रहे। 2021 में जब महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, तब उन्हें इसका प्रति कुलाधिपति बनाया गया।
परिवार और उत्तराधिकार
प्रो. यूपी सिंह अपने पीछे परिवार भी छोड़ गए हैं। उनके दो पुत्र हैं, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वीके सिंह और यूपी कॉलेज के आचार्य प्रो. राजीव कृष्ण सिंह। परिवार और सहयोगियों ने बताया कि प्रो. सिंह का जीवन अनुशासन, विद्या और सेवा का प्रेरणादायक उदाहरण रहा।
अंतिम संस्कार का कार्यक्रम
प्रो. यूपी सिंह का अंतिम संस्कार रविवार (28 सितंबर) को पावन राप्ती नदी के राजघाट पर दिन में 12 बजे होगा। इस अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे और उन्हें अंतिम विदाई देंगे। शिक्षा और समाज के अनेक गणमान्य लोग भी इसमें शामिल होंगे।
शिक्षा जगत में खोया मूल्यवान योगदान
प्रो. यूपी सिंह को उनके सहयोगी और छात्र उनके विद्वता, नैतिकता और कर्मठता के लिए याद करेंगे। गोरखपुर और पूर्वांचल क्षेत्र में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई विद्यार्थियों और शिक्षकों के जीवन को संवारने का काम किया। उनके जाने से शिक्षा जगत एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व से वंचित हो गया है।
गोरक्षपीठ और समाज में शोक
गोरक्षपीठ के तीन पीठाधीश्वरों के मार्गदर्शन में कार्य करने वाले प्रो. सिंह ने समाज और धर्म के क्षेत्र में भी योगदान दिया। उनके निधन के बाद गोरक्षपीठ और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद में शोक की लहर है। उनके अनुयायी और छात्र उनके कार्यों को याद कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं।