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भारत की बेटी ने यूएन में पाकिस्तान को किया बेनकाब, जानें कौन हैं Petal Gahlot?

भारत की बेटी ने यूएन में पाकिस्तान को किया बेनकाब, जानें कौन हैं Petal Gahlot?

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में जब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ झूठी और भ्रामक दलीलें पेश कीं, तब भारत की ओर से जवाब देने के लिए आगे आईं भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत।
 
नई दिल्ली: भारत की बेटी पेटल गहलोत (Petal Gahlot) इस समय सुर्खियों में हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में उन्होंने पाकिस्तान के झूठे दावों पर करारा जवाब देते हुए अपने आत्मविश्वास और धारदार भाषण से भारत की सशक्त छवि पेश की। 33 वर्षीय पेटल ने न केवल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को तथ्यों के सामने खड़ा किया, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा।

पेटल गहलोत का शैक्षणिक और पेशेवर सफर

पेटल गहलोत का जन्म नई दिल्ली में हुआ। उनकी शिक्षा और जीवनशैली प्रेरणादायक रही है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वीमेन (एलएसआर) से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

यही वह समय था जब पेटल ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी शुरू की। उनके प्रयास रंग लाए और वर्ष 2015 में वे भारतीय विदेश सेवा (IFS) में चयनित हुईं।

कूटनीति में हर कदम पर अनुभव

भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने के बाद पेटल ने विदेश मंत्रालय में सहायक सचिव के रूप में कार्य किया। इसके बाद उन्हें पेरिस स्थित भारतीय दूतावास में तृतीय और द्वितीय सचिव के रूप में तैनात किया गया। यहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और वैश्विक संबंधों का व्यावहारिक अनुभव हासिल किया। आज पेटल सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में काउंसल के रूप में सेवाएं दे रही हैं। उनके हर अनुभव ने उन्हें एक सशक्त, सजग और प्रखर राजनयिक के रूप में निखारा।

राजनयिक होने के साथ-साथ पेटल गहलोत का व्यक्तित्व कलात्मक और संवेदनशील भी है। उन्हें गिटार बजाना और गाना गाने का शौक है। ये उनके लिए सिर्फ हॉबी नहीं, बल्कि जीवन का अहम हिस्सा हैं, जो उनके व्यक्तित्व की बहुआयामी क्षमता को दर्शाता है।

यूएन में पाकिस्तान को किया बेनकाब

संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के खिलाफ झूठे दावे पेश किए। इस दौरान भारत की ओर से जवाब देने का जिम्मा पेटल गहलोत को सौंपा गया। पेटल ने अपने भाषण में पाकिस्तान की दोगली नीति, आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली रणनीतियों, अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघनों को उजागर किया। 

उनके धारदार और तथ्यपूर्ण भाषण ने पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर न केवल बेनकाब किया, बल्कि दुनिया को यह भी दिखा दिया कि भारत अब चुप नहीं रहने वाला। उनकी बेबाकी और आत्मविश्वास ने वैश्विक दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी और भारत की कूटनीति की ताकत को मजबूती से पेश किया।

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