Tata AIG General Insurance ने 10 सितंबर 2025 से मैक्स हॉस्पिटल्स में कैशलेस सुविधा बंद कर दी है। टैरिफ में कटौती की मांग अस्वीकार होने के कारण यह कदम उठाया गया। इससे पॉलिसीधारकों को पहले इलाज का भुगतान करना पड़ेगा। मैक्स हॉस्पिटल्स ने एक्सप्रेस डेस्क स्थापित कर क्लेम प्रक्रिया आसान करने का प्रयास किया है।
Cashless Service: Tata AIG General Insurance ने 10 सितंबर 2025 से मैक्स हॉस्पिटल्स में कैशलेस सेवा बंद कर दी है। जनवरी 2025 से 2027 तक टैरिफ एग्रीमेंट थी, लेकिन जुलाई 2025 में टाटा AIG ने अतिरिक्त कटौती की मांग की और कैशलेस सेवाएं रोकने की धमकी दी। मैक्स हॉस्पिटल्स ने इसे स्वीकार नहीं किया। इससे पॉलिसीधारकों को इलाज के लिए पहले भुगतान करना पड़ेगा, हालांकि एक्सप्रेस डेस्क के जरिए क्लेम प्रक्रिया आसान की गई है। यह कदम स्टार हेल्थ और नीवा भूपा के बाद तीसरी कंपनी के द्वारा लिया गया है।
कैशलेस सेवा बंद होने की वजह
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, मैक्स हॉस्पिटल्स और टाटा AIG के बीच 16 जनवरी 2025 से 15 जनवरी 2027 तक दो साल का टैरिफ एग्रीमेंट था। अस्पताल का कहना है कि जुलाई 2025 में टाटा AIG ने अचानक टैरिफ में और कटौती की मांग की और कैशलेस सर्विसेज को रोकने की धमकी दी। जब मैक्स ने इसे स्वीकार नहीं किया, तो 10 सितंबर 2025 से टाटा AIG ने कैशलेस सेवा बंद कर दी।
मैक्स हॉस्पिटल्स ने बयान में कहा कि टाटा AIG ने एकतरफा रूप से तय टैरिफ में कटौती का प्रस्ताव रखा और मरीजों की सुरक्षा और इलाज की क्वालिटी पर असर पड़ सकता है। इस कारण अस्पताल ने इसे स्वीकार नहीं किया और कैशलेस सुविधा को रोक दिया।
मरीजों पर पड़ेगा असर
टाटा AIG की कैशलेस सुविधा बंद होने से मरीजों को इलाज के लिए अपने खर्च का भुगतान पहले करना पड़ेगा। इससे कई मरीजों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ सकता है। हालांकि, मैक्स हॉस्पिटल्स ने पॉलिसीधारकों के लिए एक एक्सप्रेस डेस्क स्थापित किया है, जिससे वे अपने अपफ्रंट पेमेंट किए बिना इंश्योरेंस क्लेम कर सकें।
अन्य इंश्योरेंस कंपनियों का उदाहरण
टाटा AIG से पहले स्टार हेल्थ और नीवा भूपा ने भी मैक्स हॉस्पिटल्स में कैशलेस सेवा बंद कर दी थी। स्टार हेल्थ की कैशलेस सेवा रोकने से AHPI के कई मेंबर अस्पतालों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसमें केयर हॉस्पिटल्स, मणिपाल हॉस्पिटल्स, मैक्स हॉस्पिटल्स, मेट्रो हॉस्पिटल, मेदांता, राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल और सर्वोदय हॉस्पिटल शामिल थे।
बाद में AHPI की बातचीत के बाद 10 अक्टूबर से अपने मेंबर अस्पतालों में कैशलेस सेवाओं को बहाल कर दिया गया। इसके अलावा AHPI ने उत्तर भारत के मेंबर अस्पतालों को 1 सितंबर से बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के पॉलिसीधारकों के लिए कैशलेस सर्विसेज रोकने की सलाह दी थी, लेकिन इसे भी हल कर लिया गया।
टैरिफ में कटौती और विवाद
मैक्स हॉस्पिटल्स का कहना है कि जनवरी 2025 से 2027 तक टैरिफ एग्रीमेंट तय था, लेकिन जुलाई 2025 में टाटा AIG ने अचानक बैठक बुलाकर अतिरिक्त कटौती की मांग की। इस दौरान अस्पताल ने मरीजों की सुरक्षा और इलाज की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए इसे स्वीकार नहीं किया। टाटा AIG ने इसके बाद कैशलेस सेवाओं को रोक दिया।
कैशलेस सुविधा क्यों जरूरी है
कैशलेस सुविधा पॉलिसीधारकों के लिए इलाज के समय आर्थिक बोझ को कम करती है। यह अस्पताल और इंश्योरेंस कंपनी के बीच सीधा भुगतान करती है। मरीजों को अपने पैसे जमा करने की जरूरत नहीं होती। टाटा AIG की सेवा बंद होने से मरीजों को अब पहले पेमेंट करना होगा और इसके बाद ही इंश्योरेंस क्लेम किया जा सकेगा।
अस्पताल ने की व्यवस्था
मैक्स हॉस्पिटल्स ने मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक्सप्रेस डेस्क की स्थापना की है। यहां पॉलिसीधारक बिना अपफ्रंट पेमेंट किए क्लेम प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। यह व्यवस्था मरीजों के लिए राहत भरी साबित हो सकती है।
बड़े अस्पताल और इंश्योरेंस विवाद
देश के बड़े अस्पतालों और इंश्योरेंस कंपनियों के बीच टैरिफ को लेकर विवाद नई नहीं है। अक्सर इंश्योरेंस कंपनियां अस्पतालों से टैरिफ में कटौती की मांग करती हैं। यदि अस्पताल इसे स्वीकार नहीं करता तो कैशलेस सेवाओं को रोकने जैसी स्थिति बन जाती है।