टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड का सितंबर तिमाही में शुद्ध मुनाफा 20% बढ़कर ₹148 करोड़ पर पहुंच गया, जबकि रेवेन्यू ₹154 करोड़ रहा। कंपनी का EBITDA 8% बढ़कर ₹144 करोड़ हुआ, हालांकि मार्जिन 93.27% पर मामूली घटा। शेयर 0.48% गिरकर ₹835 पर बंद हुए, लेकिन छह महीने में 36.5% रिटर्न दिया।
Tata Investment Q2 Results: टाटा ग्रुप की टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 27 अक्टूबर को जारी जुलाई–सितंबर तिमाही के नतीजों में 20% की मुनाफे में बढ़त दर्ज की। कंपनी का शुद्ध लाभ ₹148.16 करोड़ रहा, जो पिछले साल ₹123.69 करोड़ था। रेवेन्यू भी बढ़कर ₹153.98 करोड़ पहुंचा। हालांकि EBITDA मार्जिन 93.27% पर मामूली गिरा। कुल खर्च 21% बढ़कर ₹11 करोड़ रहा। शेयरों में सोमवार को 0.48% की गिरावट आई, लेकिन पिछले छह महीनों में 36.5% रिटर्न मिला।
ऑपरेटिंग प्रॉफिट में सुधार
टाटा इन्वेस्टमेंट का ऑपरेटिंग प्रॉफिट यानी EBITDA भी इस तिमाही में बढ़ा है। कंपनी ने सितंबर तिमाही में ₹144 करोड़ का EBITDA दर्ज किया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा ₹133 करोड़ था। यानी तिमाही आधार पर कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में करीब 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
हालांकि, कंपनी की EBITDA मार्जिन में मामूली गिरावट देखने को मिली है। पिछले साल की तुलना में यह 30 बेसिस पॉइंट घटकर 93.27 प्रतिशत पर आ गई है। इसके बावजूद कंपनी का ऑपरेटिंग प्रदर्शन स्थिर बना हुआ है।
निवेश से मजबूत हुई आय
टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन मुख्य रूप से निवेश आधारित कंपनी है। इसका कारोबार विभिन्न टाटा ग्रुप कंपनियों और अन्य सूचीबद्ध इकाइयों में निवेश से जुड़ा हुआ है। कंपनी का राजस्व मुख्य रूप से डिविडेंड, ब्याज और निवेशों से मिलने वाले पूंजीगत लाभ पर निर्भर करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इक्विटी मार्केट में आई तेजी और टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन का फायदा टाटा इन्वेस्टमेंट को मिला है। इसी कारण कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर मजबूत रहा है।
शेयर बाजार में हल्की गिरावट

नतीजों के दिन यानी सोमवार, 27 अक्टूबर को टाटा इन्वेस्टमेंट के शेयरों में मामूली गिरावट देखने को मिली। एनएसई पर कंपनी का शेयर 0.48 प्रतिशत गिरकर ₹835 प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ। हालांकि, यह गिरावट सीमित रही और नतीजों के बाद बाजार में बड़ी हलचल नहीं दिखी।
पिछले एक महीने में टाटा इन्वेस्टमेंट के शेयरों में लगभग 5.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। लेकिन अगर पिछले छह महीनों की बात करें तो कंपनी ने अपने निवेशकों को 36.5 प्रतिशत का शानदार रिटर्न दिया है। यानी लघु अवधि में गिरावट के बावजूद दीर्घकालिक निवेशकों को कंपनी ने बेहतर मुनाफा दिया है।
कंपनी की भूमिका और फोकस
टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, टाटा ग्रुप की एक प्रमुख गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है। यह मुख्य रूप से निवेश प्रबंधन और वित्तीय परिसंपत्तियों के पोर्टफोलियो को संभालने का काम करती है। कंपनी का फोकस दीर्घकालिक निवेश पर रहता है, जिसमें विभिन्न सेक्टरों जैसे ऊर्जा, आईटी, उपभोक्ता वस्तुएं और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं।
कंपनी ने हाल के वर्षों में अपने निवेश पोर्टफोलियो को और विविध बनाया है, ताकि बाजार में उतार-चढ़ाव का असर कम से कम हो। यह रणनीति उसके मुनाफे में स्थिरता लाने में मदद कर रही है।
बीते तिमाही में प्रदर्शन स्थिर
टाटा इन्वेस्टमेंट के तिमाही नतीजे दर्शाते हैं कि कंपनी ने बाजार की अस्थिरता के बावजूद स्थिर प्रदर्शन बनाए रखा है। बढ़ते खर्च के बावजूद रेवेन्यू और प्रॉफिट में सुधार कंपनी की प्रबंधन क्षमता को दिखाता है।
उद्योग विश्लेषकों के मुताबिक, आने वाले महीनों में अगर टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियां अच्छा प्रदर्शन जारी रखती हैं, तो इसका सीधा फायदा टाटा इन्वेस्टमेंट को मिलेगा। इसके अलावा निवेश से मिलने वाले डिविडेंड और पूंजीगत लाभ कंपनी की आय में और मजबूती ला सकते हैं।













