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तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी का बड़ा कदम, CBI को सौंपी कालेश्वरम परियोजना की जांच

तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी का बड़ा कदम, CBI को सौंपी कालेश्वरम परियोजना की जांच

तेलंगाना में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कालेश्वरम परियोजना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने की घोषणा की है। यह निर्णय राज्य विधानसभा में जस्टिस पीसी घोष आयोग की रिपोर्ट पर लंबी चर्चा के बाद लिया गया। 

हैदराबाद: तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस सरकार ने एक महत्वपूर्ण और सनसनीखेज फैसला लिया है। सरकार ने कालेश्वरम बैराज निर्माण से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं की जांच कराने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने घोषणा की है कि इस परियोजना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी जाएगी। इस बीच, रविवार आधी रात तक विधानसभा में जस्टिस पीसी घोष आयोग की रिपोर्ट पर लंबी चर्चा चली। 

लगभग साढ़े नौ घंटे तक कालेश्वरम आयोग की रिपोर्ट के विभिन्न पहलुओं पर बहस हुई। मुख्यमंत्री ने इस दौरान बताया कि रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से परियोजना में कई त्रुटियां और अनियमितताएं सामने आई हैं, जिनकी जांच और कार्रवाई जरूरी है।

निर्माण में लापरवाही और डिज़ाइन की खामियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनों बैराजों का निर्माण बिना उचित योजना के किया गया और इसमें डिज़ाइन संबंधी खामियां, गुणवत्ता निरीक्षण की कमी और जानबूझकर तथ्यों को छुपाने जैसी घटनाएं सामने आईं।विशेष रूप से मेड़ीगड्डा बैराज की विफलता को योजना में लापरवाही, डिज़ाइन दोष और गुणवत्ता नियंत्रण की कमियों के कारण बताया गया। रेवंत रेड्डी ने कहा कि आयोग ने इन सभी मुद्दों की गहन और व्यापक जांच की सिफारिश की है।

कालेश्वरम परियोजना में केवल राज्य सरकार ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के संगठन भी शामिल थे। WAPCOS जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने डिज़ाइन और निर्माण में भाग लिया, जबकि PFC और REC जैसी वित्तीय संस्थाओं ने परियोजना के लिए धन उपलब्ध कराया। जस्टिस पीसी घोष आयोग ने सुझाव दिया कि इस मामले में अंतर्राज्यीय पहलुओं के कारण जांच सीबीआई को सौंपनी चाहिए। इसी आधार पर तेलंगाना सरकार ने सीबीआई जांच का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें उम्मीद है कि इस जांच से भ्रष्टाचार और लूटपाट में शामिल सभी लोगों को दंडित किया जाएगा।

परियोजना पर कितना पैसा खर्च हुआ?

सीएम रेवंत रेड्डी ने बताया कि कालेश्वरम परियोजना में अब तक लगभग एक लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

  • कुल उधार: 85,449 करोड़ रुपये
  • PFC से: 27,738 करोड़ रुपये (11.5% ब्याज)
  • REC से: 30,536 करोड़ रुपये (12% ब्याज)
  • अब तक भुगतान: 49,835 करोड़ रुपये
  • बाकी कर्ज: 60,869 करोड़ रुपये
  • परियोजना पूरा करने के लिए और आवश्यक राशि: लगभग 47,000 करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के लिए जनता ने अलग तेलंगाना राज्य के निर्माण की लड़ाई लड़ी थी, लेकिन वित्तीय और निर्माणीय लापरवाही के कारण भारी नुकसान हुआ। पीसी घोष आयोग ने 31 जुलाई को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी। 4 अगस्त को कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी। रविवार को विधानसभा में इस रिपोर्ट पर बहस के बाद सरकार ने सीबीआई जांच का ऐलान किया।

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