अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 लाख चीनी छात्रों को US वीजा देने का ऐलान किया। फैसले से MAGA समर्थक भड़क गए हैं। उनका कहना है कि ट्रंप ने 'अमेरिका फर्स्ट' पॉलिसी से समझौता कर लिया है।
US Visa: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया है। उन्होंने अमेरिकी यूनिवर्सिटीज़ में पढ़ाई करने के लिए 6 लाख चीनी छात्रों को वीजा देने की अनुमति दे दी है। यह फैसला तब आया है जब उनकी सरकार पहले ही इंटरनेशनल स्टूडेंट्स पर सख्त रुख अपनाए हुए थी। इस कदम के बाद ट्रंप के अपने ही समर्थक उनसे नाराज़ हो गए हैं।
मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (MAGA) समर्थकों का गुस्सा
MAGA मूवमेंट से जुड़े ट्रंप के कट्टर समर्थकों ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि ट्रंप ने "अमेरिका फर्स्ट" की पॉलिसी को दरकिनार कर दिया है। कई समर्थकों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी जाहिर की और चीनी छात्रों को "CCP जासूस" तक कह डाला।
ट्रंप का बयान और चीन के साथ रिश्ते
ट्रंप ने वाशिंगटन में पत्रकारों से कहा, "हम 6 लाख चीनी छात्रों को अमेरिका आने देंगे। यह बहुत ज़रूरी है। हम चीन के साथ बेहतर रिश्ते बनाना चाहते हैं।" यह बयान उनकी पहले की पॉलिसी से बिल्कुल उलट है, जिसमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े छात्रों पर वीजा बैन की बात की गई थी।
200% टैरिफ की चेतावनी
हालांकि, ट्रंप ने चीन को यह भी चेतावनी दी कि अगर अमेरिका को Rare Earth Magnets की सप्लाई नहीं मिली तो 200% टैरिफ लगाया जाएगा। लेकिन उन्होंने साफ किया कि इसका असर चीनी छात्रों पर नहीं पड़ेगा और उन्हें पढ़ाई के लिए वीजा मिलता रहेगा।
मई की पॉलिसी से बड़ा बदलाव
ट्रंप का यह फैसला मई 2025 की उस पॉलिसी के बिल्कुल उलट है, जिसमें अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने चीनी छात्रों के वीजा पर सख्ती बरतने की बात कही थी। उस समय कहा गया था कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े छात्रों और सेंसिटिव रिसर्च करने वाले स्टूडेंट्स को अमेरिका में एंट्री नहीं मिलेगी।
विरोध के पीछे की असली वजह
MAGA समर्थकों का मानना है कि ट्रंप का यह कदम चीन के सामने झुकने जैसा है। उनका आरोप है कि इस फैसले से अमेरिकी स्टूडेंट्स के लिए मौके कम होंगे और चीन के साथ अमेरिका की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है।