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उद्धव-राज ठाकरे की एकता से महाराष्ट्र राजनीति में हलचल, संजय राउत बोले- भाजपा को नहीं मराठी अस्मिता की चिंता

उद्धव-राज ठाकरे की एकता से महाराष्ट्र राजनीति में हलचल, संजय राउत बोले- भाजपा को नहीं मराठी अस्मिता की चिंता

संजय राउत ने ठाकरे बंधुओं की एकता को महाराष्ट्र के लिए निर्णायक बताया। उन्होंने BJP पर मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने और मराठी अस्मिता को खत्म करने का आरोप लगाया।

Maharashtra: शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने अपने कॉलम 'रोकठोक' में ठाकरे बंधुओं की एकता को महाराष्ट्र के लिए नई दिशा देने वाला कदम बताया है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी का न तो मराठी अस्मिता से कोई संबंध है और न ही महाराष्ट्र की एकता से। राउत ने चेताया कि यदि ठाकरे बंधु एक न हुए, तो मुंबई कॉरपोरेट हाथों में चली जाएगी।

ठाकरे बंधुओं की एकता से मिल सकता है महाराष्ट्र को नया नेतृत्व

शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने अपने साप्ताहिक कॉलम 'रोकठोक' में महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे से अपील की है कि वे एकजुट हों और मिलकर राज्य की अस्मिता की रक्षा करें। राउत ने लिखा कि अगर ठाकरे बंधु एक साथ आते हैं, तो यह महाराष्ट्र को नई दिशा दे सकता है।

बीजेपी पर गंभीर आरोप

संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी पर सीधा हमला करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी की नीति पहले मुंबई को आर्थिक रूप से लूटने, फिर उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने और अंत में महाराष्ट्र की पहचान को मिटा देने की रही है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे नागपुर में एक प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ‘विदर्भ ही मेरा राज्य है’ वाले पोस्टर के साथ नजर आए थे। राउत का मानना है कि यह बयान साफ तौर पर महाराष्ट्र को विभाजित करने की मानसिकता का प्रतीक है।

एक मंच पर आए उद्धव और राज ठाकरे

5 जुलाई को पहली कक्षा से हिंदी भाषा लागू करने के दो सरकारी आदेशों को वापस लेने के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ मंच पर आए। यह अवसर करीब दो दशक बाद आया, जब दोनों भाइयों ने सार्वजनिक रूप से एक साथ उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके को संजय राउत ने मराठी जनता के लिए उम्मीद की किरण बताया। उन्होंने कहा कि ठाकरे बंधुओं की एकता से मराठी समाज को भरोसा मिला है कि उनकी भाषा, संस्कृति और पहचान के लिए कोई आवाज़ बुलंद करने वाला है।

“अगर ठाकरे साथ नहीं आए, तो मुंबई का चेहरा बदल जाएगा”

संजय राउत ने चेतावनी दी कि अगर उद्धव और राज ठाकरे साथ नहीं आए और एकजुट नेतृत्व सामने नहीं आया, तो एक दिन मुंबई देश के बड़े कॉरपोरेट घरानों जैसे अडानी और लोढ़ा की झोली में चली जाएगी। उन्होंने आशंका जताई कि ऐसा होने की स्थिति में मुंबई महाराष्ट्र का हिस्सा भी नहीं रह पाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में केवल एक सशक्त और संगठित नेतृत्व ही राज्य की राजधानी की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को बचा सकता है।

'बीजेपी की घबराहट साफ'- संजय

राउत ने दावा किया कि ठाकरे बंधुओं की बढ़ती नजदीकी से दिल्ली और महाराष्ट्र की सत्ता में बैठे लोग परेशान हो गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाया कि वे जानबूझकर राज ठाकरे से मुलाकात करके राजनीतिक माहौल को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस बारे में राज ठाकरे खुद उचित वक्त पर सफाई देंगे।

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