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World Sjogren’s Day: बीमारी, लक्षण और जागरूकता से प्रभावितों को मदद करें

World Sjogren’s Day: बीमारी, लक्षण और जागरूकता से प्रभावितों को मदद करें

हर साल 23 जुलाई को वर्ल्ड स्जोग्रेन डे मनाया जाता है। यह दिन लोगों में स्जोग्रेन सिंड्रोम के प्रति जागरूकता बढ़ाने, मरीजों का समर्थन करने और इस बीमारी के इलाज के लिए रिसर्च को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। अमेरिका में लगभग एक मिलियन लोग रोजाना इस बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन कई लोगों को इसके बारे में सही जानकारी नहीं है। 

स्जोग्रेन सिंड्रोम क्या है?

स्जोग्रेन सिंड्रोम एक क्रॉनिक (दीर्घकालिक) ऑटोइम्यून बीमारी है। इसका मतलब यह है कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) गलती से आपके शरीर के उन ग्रंथियों पर हमला कर देती है, जो आपकी आंखों, मुंह, फेफड़ों और अन्य हिस्सों में नमी पैदा करती हैं। नतीजतन, प्रभावित व्यक्ति को लगातार सूखापन महसूस होता है। इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन समय पर सही इलाज से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है ताकि मरीज सामान्य जीवन जी सकें। अगर इसे अनदेखा किया जाए तो यह गंभीर समस्याओं जैसे आंखों की रोशनी का कम हो जाना, दांतों की खराबी और यहां तक कि कैंसर जैसी जटिलताएं पैदा कर सकता है।

वर्ल्ड स्जोग्रेन डे का इतिहास

वर्ल्ड स्जोग्रेन डे की शुरुआत स्जोग्रेन फाउंडेशन ने की थी ताकि इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके। यह दिन स्वीडिश नेत्र विशेषज्ञ डॉ. हेन्‍रिक स्जोग्रेन की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने पहली बार इस बीमारी की खोज की थी। डॉ. स्जोग्रेन का जन्म 23 जुलाई 1899 को हुआ था। इस दिन का उद्देश्य न केवल लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है बल्कि प्रभावित लोगों के लिए समर्थन और उपचार के लिए आवश्यक रिसर्च के लिए फंडिंग जुटाना भी है।

स्जोग्रेन सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?

चूंकि यह बीमारी मुख्यतः नमी बनाने वाली ग्रंथियों को प्रभावित करती है, इसलिए इसके लक्षण अधिकतर सूखेपन से जुड़े होते हैं। लेकिन हर व्यक्ति में ये लक्षण अलग हो सकते हैं। कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • सूखी और जलती हुई आंखें
  • मुंह में लगातार सूखापन, जिसे 'कॉटन माउथ' भी कहा जाता है
  • त्वचा का सूखापन
  • महिलाओं में योनि सूखापन
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द या अकड़न
  • लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना
  • जबड़ों और कानों के बीच लार ग्रंथियों में सूजन
  • सूरज की रोशनी से चकत्ते या त्वचा पर दाने

अगर आपको ये लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है। सही समय पर उपचार से गंभीर जटिलताओं को टाला जा सकता है।

स्जोग्रेन सिंड्रोम का इलाज

इस बीमारी का कोई निश्चित इलाज अभी तक नहीं है, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए कई तरीके मौजूद हैं:

  • आर्टिफिशियल आंसू (Artificial Tears) और माउथ स्प्रे का उपयोग
  • दर्द और सूजन के लिए दवाइयां
  • सूखापन कम करने के लिए लाइफस्टाइल बदलाव, जैसे अधिक पानी पीना, ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल
  • नियमित डॉक्टर से जांच और परामर्श

समय पर उपचार और सावधानी से मरीज अच्छी तरह से जीवन यापन कर सकता है।

वर्ल्ड स्जोग्रेन डे कैसे मनाएं?

1. अपनी कहानी साझा करें

अगर आप या आपके परिवार में कोई स्जोग्रेन सिंड्रोम से प्रभावित है, तो अपनी अनुभव साझा करें। यह बात लोगों को बीमारी को समझने और दूसरों को भी जागरूक करने में मदद करती है।

2. लक्षणों के बारे में जागरूकता फैलाएं

अपने आसपास के लोगों को बीमारी के लक्षणों के बारे में बताएं ताकि वे समय रहते डॉक्टर से संपर्क करें।

3. दान करें

आप स्जोग्रेन फाउंडेशन या अन्य विश्वसनीय संस्थानों को दान देकर इस बीमारी के रिसर्च और मरीजों के लिए मदद कर सकते हैं।

4. इवेंट्स में हिस्सा लें

ऑनलाइन या ऑफलाइन आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेकर इस बीमारी की जानकारी बढ़ाएं।

स्जोग्रेन सिंड्रोम एक गंभीर लेकिन समझने योग्य बीमारी है। समय पर जागरूकता, सही इलाज और समर्थन से इससे प्रभावित लोगों की जिंदगी बेहतर बन सकती है। वर्ल्ड स्जोग्रेन डे पर मिलकर इस बीमारी के बारे में जानकारी फैलाएं और मरीजों का समर्थन करें। आपकी छोटी सी पहल बड़ा बदलाव ला सकती है।

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