उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य रूस दौरे पर जाएंगे। 24 सितंबर से 1 अक्टूबर तक पिपरहवा के भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष रूस में प्रदर्शित होंगे।
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य रूस की यात्रा पर जा रहे हैं। यह दौरा केवल राजनीतिक या राजनयिक महत्व का नहीं बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद अहम है। संस्कृति मंत्रालय रूस के काल्मिकिया गणराज्य में भगवान बुद्ध से संबंधित पिपरहवा (कपिलवस्तु) के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी आयोजित करने जा रहा है। इस प्रदर्शनी का आयोजन 24 सितंबर से 1 अक्टूबर तक किया जाएगा और इसकी अगुवाई खुद उप मुख्यमंत्री करेंगे।
रूस में प्रदर्शित होंगे भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र अवशेष
संस्कृति मंत्रालय ने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के इस आयोजन की तैयारी पूरी कर ली है। पिपरहवा, जिसे कपिलवस्तु का हिस्सा माना जाता है, भगवान बुद्ध से गहराई से जुड़ा है। यहां से प्राप्त अवशेष बौद्ध अनुयायियों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र हैं।
इससे पहले ये अवशेष थाईलैंड, मंगोलिया और वियतनाम जैसे देशों में प्रदर्शित किए जा चुके हैं। इन देशों में हुए कार्यक्रमों ने न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान दिलाया बल्कि भारत और इन देशों के बीच सांस्कृतिक रिश्तों को भी मजबूत किया। अब यह अवशेष रूस में प्रदर्शित होने जा रहे हैं, जहां बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म के अनुयायी रहते हैं।
डिप्टी सीएम ने जताया आभार और गर्व
रूस दौरे से पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उन्हें इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनना गर्व और सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता हैं, जिन्हें अब तक 27 देशों का सर्वोच्च सम्मान मिल चुका है।
मौर्य ने कहा कि वे प्रधानमंत्री की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे। उन्होंने इस अवसर को "सेवा का अवसर" बताया और कहा कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का एक सुनहरा मौका है।
रूस के काल्मिकिया की खासियत
रूस का काल्मिकिया गणराज्य बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए जाना जाता है। यहां बड़ी संख्या में लोग बौद्ध धर्म का पालन करते हैं। ऐसे में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का वहां प्रदर्शित होना स्थानीय लोगों के लिए भी विशेष महत्व रखता है।
भारत और रूस के बीच यह सांस्कृतिक जुड़ाव दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई देगा। यह केवल धर्म और संस्कृति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच लोगों को जोड़ने का काम करेगा।
पहले भी हो चुकी है प्रदर्शनी
भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को दुनिया के सामने लाने के लिए पहले भी इस तरह की प्रदर्शनी आयोजित की जा चुकी है। थाईलैंड, मंगोलिया और वियतनाम जैसे देशों में यह अवशेष प्रदर्शित हुए और वहां भारी उत्साह देखा गया।
अब रूस की बारी है। माना जा रहा है कि यहां भी बौद्ध अनुयायी बड़ी संख्या में इन अवशेषों को देखने पहुंचेंगे। इससे भारत की soft power को मजबूती मिलेगी और वैश्विक स्तर पर इसकी पहचान और गहरी होगी।
विपक्ष पर डिप्टी सीएम का हमला
अपने बयान में केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के जीएसटी संबंधी सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मौर्य ने कहा कि विपक्षी नेता सकारात्मक राजनीति नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि नवरात्रि का समय मां दुर्गा की आराधना का है और कोई महिषासुर की पूजा नहीं करता।