Columbus

विदेश मंत्री एस. जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा को करेंगे संबोधित, वैश्विक मुद्दों पर रहेगा भारत का फोकस

विदेश मंत्री एस. जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा को करेंगे संबोधित, वैश्विक मुद्दों पर रहेगा भारत का फोकस

विदेश मंत्री एस. जयशंकर अगले सप्ताह न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस दौरान उनकी कई अहम कूटनीतिक बैठकों का भी कार्यक्रम तय है।

नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर अगले सप्ताह न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में शामिल होंगे। इस दौरान वे कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगे और 27 सितंबर को महासभा की उच्च-स्तरीय आमसभा को संबोधित करेंगे। उनके भाषण में भारत का रुख बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था, आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग और सतत विकास जैसे अहम मुद्दों पर केंद्रित रहने की संभावना है।

किन बैठकों में होंगे शामिल

जयशंकर की न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान उनका कार्यक्रम बेहद व्यस्त रहने वाला है। वह ब्रिक्स (BRICS) विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि भारत वर्ष 2026 में ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा, ऐसे में यह बैठक रणनीतिक दृष्टिकोण से अहम मानी जा रही है। इसके अलावा, उनकी कई द्विपक्षीय बैठकों की भी योजना है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण बैठक अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मानी जा रही है। इस बैठक में भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता, और हाल ही में अमेरिकी प्रशासन द्वारा H-1B वीज़ा शुल्क बढ़ाने के फैसले पर चर्चा होने की संभावना है।

विदेश मंत्री जयशंकर के भाषण का केंद्र बिंदु भारत का वैश्विक दृष्टिकोण होगा। भारत लंबे समय से एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था (Multipolar World Order) की आवश्यकता पर जोर देता रहा है। उम्मीद है कि वे अपने संबोधन में आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराएंगे, खासकर हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में।

पिछले वर्ष भी उन्होंने महासभा को संबोधित किया था, और इस बार उनका भाषण अधिक व्यापक होगा क्योंकि यह महासभा संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित हो रही है। इसके साथ ही, महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा आयोजित जलवायु महत्वाकांक्षा शिखर सम्मेलन और महिला अधिकारों पर बीजिंग घोषणापत्र की 30वीं वर्षगांठ से जुड़ी बैठक भी इसमें शामिल हैं।

भारत का रुख: फिलिस्तीन और वैश्विक न्याय

भारत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन के पक्ष में वोटिंग की, जिससे यह साफ हो गया कि भारत न्यायपूर्ण और संतुलित विश्व व्यवस्था की पैरवी करता है। शुक्रवार को भारत ने उस प्रस्ताव का समर्थन किया जिसके तहत फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास को महासभा सत्र को वर्चुअल रूप से संबोधित करने की अनुमति दी गई।

यह प्रस्ताव इसलिए लाया गया क्योंकि अमेरिका ने फिलिस्तीनी प्रतिनिधियों को वीज़ा देने से इनकार कर दिया था, जिसके चलते वे व्यक्तिगत रूप से बैठक में शामिल नहीं हो सके। “फिलिस्तीन स्टेट की भागीदारी” शीर्षक वाले इस प्रस्ताव के पक्ष में 193 सदस्यीय महासभा के 145 देशों ने मतदान किया, जबकि 5 देशों ने विरोध किया और 6 ने मतदान से परहेज़ किया।

चर्चा के संभावित विषय

जयशंकर अपनी मीटिंग्स में जिन मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं, उनमें शामिल हैं:

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गवर्नेंस – तकनीक के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग पर भारत का दृष्टिकोण।
  • युवा विकास – ग्लोबल साउथ के युवाओं के सशक्तिकरण के लिए पहल।
  • म्यांमार रोहिंग्या संकट – मानवीय सहायता और स्थायी समाधान की आवश्यकता।
  • जलवायु परिवर्तन और सतत विकास – भारत की नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिबद्धताओं और ग्लोबल जलवायु सहयोग पर चर्चा।

संयुक्त राष्ट्र महासभा का यह सत्र भारत के लिए कूटनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है। ब्रिक्स की आगामी अध्यक्षता, अमेरिका के साथ व्यापारिक और वीज़ा संबंधी मसले, और वैश्विक आतंकवाद विरोधी सहयोग जैसे मुद्दे भारत की विदेश नीति को नई दिशा देंगे।

Leave a comment