नवंबर का दूसरा सप्ताह खत्म हो चुका है, लेकिन बाजार में हरी सब्जियों की कीमतें अभी भी उच्च हैं। अक्टूबर में आने वाले नए आलू की तलाश अब भी जारी है, और स्थानीय गोभी एवं मटर का भी अभी तक कोई अता-पता नहीं है। आइए जानते हैं कि हरी सब्जियों की कीमतों में सस्ती होने की संभावना कब तक है?
नई दिल्ली: हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीनों में लोगों को महंगी सब्जियों से राहत मिल जाती थी। लेकिन, इस बार स्थिति अलग है और लोग अभी भी उच्च कीमतों वाली सब्जियाँ खरीदने को मजबूर हैं। आलम यह है कि गाजर, मूली, टमाटर और गोभी जैसे सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण बहुत से लोग इन्हें खरीदने से परहेज कर रहे हैं।
वे अब भी इन सब्जियों के दाम गिरने का इंतजार कर रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि इस महीने उन्हें सस्ती सब्जियों की सौगात मिल सकती है, लेकिन इसके लिए उन्हें लगभग 20 दिनों का इंतजार करना होगा।
नया आलू कब तक आएगा?
हर साल अक्टूबर में नया आलू बाजार में आना शुरू हो जाता था, लेकिन इस बार अभी तक नई फसल नहीं आई है। कारोबारियों के अनुसार, इस साल देर तक हुई मानसून बारिश के कारण आलू की बुवाई में देरी हुई, जिससे नए आलू का बाजार में आना अभी भी बाकी है। अनुमान है कि इस महीने के अंत तक लोग नया आलू खरीदने और खाने के लिए तैयार हो सकेंगे।
नए आलू के नाम पर क्या बेचा जा रहा है?
सब्जी मंडी के व्यापारियों का कहना है कि नए आलू के नाम पर बिक रहे जहरीले आलू से सावधान रहें। वास्तव में, कुछ लोग पुराने आलू को अमोनिया और अन्य रसायनों के मिश्रण में डुबोकर उसकी स्थिति को बदलने की कोशिश करते हैं। इसके बाद, वे आलू को बोरी में डालकर रगड़ते हैं।
इस प्रक्रिया के बाद, पुराना आलू भी नये आलू की तरह कठोर हो जाता है और इसके छिलके भी उतरने लगते हैं। इससे लोगों में यह भ्रम पैदा होता है कि यह नया आलू है। हालांकि, ऐसे आलू से दूर रहना आवश्यक है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक और जहरीला हो सकता है।
नई मटर और स्थानीय गोभी भी आएगी
हर साल अक्टूबर में नई मटर की फसल आती है। इसके साथ ही स्थानीय गोभी भी बाजार में उपलब्ध हो जाती है, जिससे कीमतों में गिरावट आती है। लेकिन इस साल अभी गोभी और मटर हिमाचल से आ रही है, इसलिए उनकी कीमतें अधिक हैं। यह फसल भी मानसूनी बारिश के लंबे समय तक होने के कारण देरी से आई है। कई स्थानों पर किसान नई फसल लगा चुके थे, लेकिन बारिश की वजह से उनके पौधे खेत में ही सड़ गए। इसके परिणामस्वरूप किसानों को फिर से बुवाई करनी पड़ी।
कब तक रुलाएगा प्याज
दिल्ली के आजादपुर सब्जी मंडी के प्याज व्यापारियों के संघ के अध्यक्ष श्रीकांत मिश्रा के अनुसार, दिल्ली में प्याज मुख्य रूप से नासिक, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आयात किया जाता है। हालाँकि, पिछले साल की तुलना में इस बार कम गाड़ियाँ मंडी में पहुँच रही हैं।
इस स्थिति के चलते, बाजार में प्याज के दाम उच्च स्तर पर पहुँच गए हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ हफ्तों में अलवर की प्याज की फसल तैयार हो जाएगी, जिसके बाद कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है। उस समय तक बेंगलुरु से भी प्याज की आवक बढ़ने की संभावना है।
गाजर-मूली का क्या हाल है
इस समय बाजार में गाजर, मूली, बैंगन, और सेम जैसी सब्जियां उपलब्ध हैं, लेकिन इनकी कीमतें काफी ऊंची हैं। जब इन सब्जियों की स्थानीय आपूर्ति शुरू होगी, तब उम्मीद है कि इनके भाव भी कम हो जाएंगे।