American Securities and Exchange Commission (SEC) ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी समेत 7 लोगों पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए हैं। इस मामले में, SEC अब इन लोगों को समन भेजना चाहती है, लेकिन इसके लिए उन्हें समुचित राजनयिक माध्यमों से नोटिस भेजना होगा, क्योंकि अमेरिकी कानून के तहत विदेशी नागरिकों पर सीधे क्षेत्राधिकार नहीं होता है।
Adani Bribery Case: American Securities and Exchange Commission (SEC) ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात लोगों पर 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपये) की रिश्वतखोरी के आरोप लगाए हैं, जिसके बाद अडानी समूह और इसके मालिक को लेकर खबरों का सिलसिला जारी है।
SEC ने इस मामले में अडानी और उनके परिवार के सदस्यों को समन भेजने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके लिए उन्हें समुचित राजनयिक माध्यमों से नोटिस भेजना होगा, क्योंकि अमेरिकी जांच एजेंसी का क्षेत्राधिकार विदेशी नागरिकों पर लागू नहीं होता।
SEC को राजनयिक माध्यमों से समन भेजने की आवश्यकता
सूत्रों के मुताबिक, SEC ने न्यूयॉर्क की अदालत में दायर कानूनी दस्तावेजों के तहत यह समन जारी किया है, लेकिन इसे अडानी तक पहुंचने में कुछ समय लग सकता है। फिलहाल, गौतम अडानी को कोई समन नहीं सौंपा गया है।
SEC चाहता है कि अडानी सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए रिश्वत देने के आरोपों पर अपना पक्ष स्पष्ट करें। हालांकि, समन को पोस्ट या किसी अन्य साधारण माध्यम से नहीं भेजा जा सकता, बल्कि इसे भारतीय दूतावास और अन्य राजनयिक चैनलों के माध्यम से भेजने की आवश्यकता होगी।
SEC को विदेशी नागरिकों पर कोई अधिकार नहीं
अमेरिकी SEC के पास विदेशी नागरिकों को सीधे समन भेजने का अधिकार नहीं है। इस मामले में, गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी को रिश्वत देने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देने के लिए समन उचित राजनयिक चैनलों के माध्यम से भेजा जाएगा। SEC ने इस मामले को लेकर भारतीय दूतावास के माध्यम से समन भेजने की प्रक्रिया शुरू की है।
क्या है मामला?
अमेरिका के न्यूयॉर्क में बुधवार को एक अदालत में गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा शुरू हुआ है।आरोप है कि इन लोगों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को सोलर एनर्जी सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी। गौतम अडानी और सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के डायरेक्टर हैं, और यह रिश्वत देने का आरोप 2020 से 2024 के बीच के समय में लगाया गया है