Israel: दुनिया में इजरायल की तकनीक का जलवा! बना रिसर्च और डेवलपमेंट में सबसे ज्यादा खर्च करने वाला देश, जानें खासियत

Israel: दुनिया में इजरायल की तकनीक का जलवा! बना रिसर्च और डेवलपमेंट में सबसे ज्यादा खर्च करने वाला देश, जानें खासियत
Last Updated: 27 अक्टूबर 2024

इजरायल की तकनीक आज विश्वभर में सराही जा रही है। कृषि, विज्ञान और सैन्य तकनीक से लेकर डिजिटल इनोवेशन तक, इजरायल ने अपनी अद्वितीय तकनीक से दुनिया को प्रभावित किया है। इस्लामी देशों से घिरे इस छोटे से देश ने कैसे हासिल किया यह चमत्कार, यह एक प्रेरणादायक कहानी है।

Business: इजरायल एक बार फिर सुर्खियों में है, इस बार उसके लड़ाकू विमानों द्वारा ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमले के कारण। यह कार्रवाई ईरान के मिसाइल हमले के 25 दिन बाद की गई है। एक करोड़ से भी कम आबादी वाला इजरायल अपनी अद्वितीय तकनीक और नवाचार के दम पर दुनिया में एक महत्वपूर्ण पहचान बना चुका है।

कृषि, विज्ञान और सैन्य तकनीक से लेकर डिजिटल इनोवेशन तक, इजरायल ने अपनी तकनीक से सभी को हैरान कर दिया है। आज भारत सहित कई देश इजरायल की तकनीक का लाभ उठा रहे हैं। चारों ओर से इस्लामी देशों से घिरे इस देश ने कई युद्ध लड़े हैं और हर बार सफलता हासिल की है। यह सब कुछ इजरायल ने अपने नवाचार के माध्यम से किया है। सवाल यह उठता है कि यह छोटा सा देश कैसे बन गया नवाचार का केंद्र?

इजरायल का नवाचार केंद्र बनने का राज

इजरायल के नवाचार केंद्र बनने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। इनमें सबसे बड़ा कारण है रिसर्च और डेवलपमेंट पर भारी खर्च। इजरायल अपनी जीडीपी का 5.56 प्रतिशत हिस्सा आरएंडडी पर खर्च करता है, जो ओईसीडी देशों के औसत के लगभग दोगुना है। जबकि भारत अपनी जीडीपी का केवल 0.65 प्रतिशत इस पर खर्च करता है। दक्षिण कोरिया का यह आंकड़ा 4.93 प्रतिशत, अमेरिका में 3.46 प्रतिशत, बेल्जियम में 3.43 प्रतिशत, स्वीडन में 3.42 प्रतिशत और चीन में 2.43 प्रतिशत है।

सैन्य सेवा और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप का योगदान

इजरायल में रिसर्च के लिए विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय और संस्थान मौजूद हैं। यहां की सैन्य सेवा सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य है, जिसमें युवाओं को उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाता है। कई सैनिक, जो 1980 और 1990 के दशकों में सेवाएं दे चुके हैं, ने नवाचार को नई दिशा दी। इसके अतिरिक्त, इजरायल में नवाचार को समर्थन देने के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप भी मौजूद है। विदेशों में रहने वाले यहूदियों के साथ मजबूत संबंध होने के कारण कई विदेशी कंपनियों ने इजरायल में अपने रिसर्च सेंटर खोले हैं।

यूनिकॉर्न स्टार्टअप की बढ़ती संख्या

इजरायल की सरकार तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम संचालित करती है, जैसे इनक्यूबेटर, प्रोत्साहन कार्यक्रम और निवेश कानून। इजरायल की कुल आबादी लगभग 80 लाख है, और इस छोटी आबादी के कारण वहां के उद्यमी अपने व्यवसाय के लिए वैश्विक स्तर पर सोचते हैं। हाल ही में इजरायल के तकनीकी क्षेत्र में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। यूनिकॉर्न उन कंपनियों को कहा जाता है जिनका मूल्यांकन एक अरब डॉलर से अधिक है।

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