राम मंदिर की नींव रखने के बाद जनवरी माह में मंदिर का प्रथम तल का कार्य पूर्ण होने के बाद गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। तब से श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर रहे हैं।
अयोध्या: राम मंदिर निर्माण का काम अब स्वर्णिम सफर की ओर आगे बढ़ चुका है। आने वाले सात महीने में राम मंदिर भव्यता के प्रतिमान गढ़ने लगेगा। मंदिर के अंतिम तल का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। द्वितीय तल पर शिलाओं का संयोजन का काम चल रहा है। द्वितीय तल का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद मंदिर के मुख्य शिखर (गुबंद) का निर्माण शुरू किया जाएगा।
बताया कि जनवरी माह में मंदिर का प्रथम तल का काम पूर्ण होने के बाद ही गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। तब से श्रद्धालु प्रत्येक दिन ज्यादा संख्या में रामलला का दर्शन कर रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा क कारण निर्माण की गति धीमी हो गई, लेकिन मंदिर निर्माण समिति के द्वारा मानीटरिंग और संयोजन के कारण निर्माण कार्य एक बार फिर तीव्र गति से शुरू हुआ है। प्राण प्रतिष्ठा के तुरंत बाद प्रथम तल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था, जो कुल चार माह में ही पूरी तरह से बन कर तैयार हो गया।
राम मंदिर के दूसरे तल का निर्माण शुरू
अधिकारी ने Subkuz.com को बताया कि दूसरे तल का निर्माण समय से पूर्ण हो जाएगा। इस समय द्वितीय तल का काम शुरू किया गया है। इसके साथ ही सप्त ऋषियों के मंदिर और शेषावतार मंदिर का निर्माण भी किया जा रहा हैं। बताया कि प्रथम तल के अंतर्गत आने वाले सभी प्रखंड, दीवारों व स्तंभों पर आकृतियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी। इसमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, गुण मंडप, भजन मंडप और प्रार्थना मंडप भी शामिल होंगे।
बताया कि मंदिर के भूतल पर 166 स्तंभ बनाए गए हैं। तथा प्रथम तल पर 144 स्तंभ का निर्माण किया गया हैं। द्वितीय तल 82 स्तंभों का निर्माण किया जाएगा। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्रा ने बताया कि इसी वर्ष दिसंबर माह तक मंदिर निर्माण पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी समय को को ध्यान में रख कर निर्माण कार्य को तेज गति दी जा रही है। रामसेवकपुरम में मंदिर के भूतल पर 18 किवाड़ लगाए जाने के बाद अब प्रथम तल पर लगने वाले कपाट का निर्माण किया जा रहा हैं। इन्हें हैदराबाद के कारीगर द्वारा निर्मित किया जाएगा। मंदिर में कुल 46 कपाट होंगे। भूतल पर 18 स्वर्ण जटित कपाट लगाए गए हैं।