Bollywood: नाना पाटेकर को मुंबई की अदालत ने बड़ी राहत दी है, जबकि तनुश्री दत्ता को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उनकी वह याचिका खारिज कर दी है, जिसमें नाना के खिलाफ केस को फिर से खोलने की अपील की गई थी।
कोर्ट ने क्यों खारिज की तनुश्री की याचिका?
मुंबई की एक अदालत ने तनुश्री दत्ता की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने नाना पाटेकर को पहले मिली राहत को चुनौती दी थी। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा,
"2008 के आरोप समय-सीमा पार कर चुके हैं और 2018 की घटना के लिए नाना पाटेकर के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।"
इस फैसले के साथ ही नाना पाटेकर को एक बार फिर क्लीन चिट मिल गई और यह मामला दोबारा ठंडे बस्ते में चला गया।
क्या था पूरा मामला?
यह विवाद साल 2018 में मीटू कैंपेन के दौरान सुर्खियों में आया था, जब एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने दावा किया था कि 2008 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर ने उनका शारीरिक उत्पीड़न किया था। इस बयान के बाद केस दर्ज हुआ और पुलिस जांच शुरू हुई। लेकिन कोर्ट में सुनवाई के बाद सबूतों के अभाव में नाना पाटेकर को राहत दे दी गई थी।
तनुश्री ने दोबारा दायर की थी याचिका
कोर्ट से राहत मिलने के बाद तनुश्री दत्ता ने एक बार फिर इस फैसले को चुनौती देते हुए नई याचिका दायर की। उन्होंने नाना पाटेकर के खिलाफ दोबारा जांच और केस खोलने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने सबूतों की कमी के चलते इस याचिका को खारिज कर दिया और साफ कर दिया कि इस मामले में अब कोई कार्रवाई नहीं होगी।
मीटू कैंपेन और भारत में इसकी गूंज
साल 2018 में मीटू कैंपेन ने दुनियाभर में हलचल मचा दी थी। हॉलीवुड से शुरू हुआ यह अभियान भारत में भी पहुंचा, जहां कई महिलाओं ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के अनुभव साझा किए। इस दौरान बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियों पर गंभीर आरोप लगे।
तनुश्री दत्ता ने भी इस कैंपेन का हिस्सा बनते हुए 2008 की घटना को उजागर किया, जिसके बाद बॉलीवुड और मीडिया में इस पर खूब बवाल मचा था। लेकिन 7 साल बाद यह मामला अब पूरी तरह खत्म हो चुका है।
फैसले पर दोनों पक्षों की प्रतिक्रिया
इस फैसले के बाद नाना पाटेकर के समर्थकों में खुशी की लहर है, वहीं तनुश्री दत्ता को बड़ा झटका लगा है।
इस केस के खत्म होने के साथ ही यह साफ हो गया है कि अब मीटू विवाद का यह चर्चित अध्याय भी समाप्त हो गया है।