केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 6 दिसंबर से वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठकें शुरू करेंगी। यह बैठकें 30 दिसंबर तक विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों के साथ आयोजित की जाएंगी। वित्त मंत्री इस दौरान आगामी बजट के लिए जरूरी सुझाव और दिशा-निर्देश प्राप्त करेंगी, ताकि देश की आर्थिक स्थिति और विकास की दिशा तय की जा सके।
1 फरवरी को पेश हो सकता है केंद्रीय बजट
निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाने वाला बजट 1 फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। यह लगातार आठवां बजट होगा, जो वित्त मंत्री की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है। इस बजट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट माना जाएगा। यह बजट 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, क्योंकि इसमें आर्थिक नीतियों के लिए नयापन और सुधार की दिशा तय की जाएगी।
6 दिसंबर से शुरू होगी बजट पूर्व परामर्श प्रक्रिया
वित्त मंत्री 6 दिसंबर से अलग-अलग पक्षों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठकें शुरू करेंगी। पहले दिन, वह दिग्गज अर्थशास्त्रियों से मिलेंगी। यह बैठक महत्वपूर्ण होगी क्योंकि चालू वित्त वर्ष (2024-25) की दूसरी तिमाही में जीडीपी के सात तिमाहियों के सबसे निचले स्तर 5.4 प्रतिशत तक पहुंचने के बाद आगामी बजट के लिए विचार-विमर्श जरूरी हो गया है। इस बैठक में विशेषज्ञ आर्थिक सुधारों, नीतियों और रणनीतियों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
7 दिसंबर को किसान संगठनों और MSME सेक्टर के प्रतिनिधियों के साथ बैठक
इसके बाद, 7 दिसंबर को वित्त मंत्री किसान संगठनों, कृषि अर्थशास्त्रियों और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (MSME) सेक्टर के प्रतिनिधियों से मिलकर कृषि क्षेत्र और छोटे व्यवसायों के लिए बजट में क्या खास घोषणाएं की जा सकती हैं, इस पर चर्चा करेंगी। कृषि क्षेत्र और MSME से जुड़े मुद्दे भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए इनसे जुड़ी समस्याओं का समाधान ढूंढना बेहद आवश्यक है।
30 दिसंबर तक चलेंगी बजट पूर्व परामर्श बैठकें
इस बजट पूर्व परामर्श प्रक्रिया में भारतीय उद्योग के दिग्गजों और सोशल सेक्टर, विशेष रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से भी मिलकर चर्चा की जाएगी। वित्त मंत्री 30 दिसंबर तक इन क्षेत्रों से सुझाव लेंगी और उसी आधार पर आगामी बजट की संरचना तैयार करेंगी। इसके अलावा, लेबर ग्रुप, फाइनेंशियल सेक्टर, सर्विस सेक्टर आदि के साथ भी बैठकें आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों के दौरान, विभिन्न क्षेत्रीय विशेषज्ञ और उद्योग जगत के नेता अपने-अपने क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बजट घोषणाओं की आवश्यकता पर जोर देंगे।
इस साल दो बार पेश हुआ था बजट
इस साल, लोकसभा चुनाव की वजह से वित्त मंत्री ने दो बार बजट पेश किया था। 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश किया गया था, जो चुनाव से पहले सरकार के फैसलों का संकेत देता था। इसके बाद, 23 जुलाई 2024 को पूर्ण बजट पेश किया गया था, जो सरकार के चुनाव बाद के फैसलों का संकेत था। बता दें कि चुनाव वर्ष में दो बार बजट पेश किए जाते हैं, एक अंतरिम और दूसरा पूर्ण बजट। यह प्रक्रिया देश की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए की जाती है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुरू की जा रही बजट पूर्व परामर्श बैठकें आगामी बजट को लेकर महत्त्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। इन बैठकों के माध्यम से सरकार को विभिन्न क्षेत्रों से सीधे फीडबैक मिलेगा, जो कि देश की आर्थिक स्थिति और विकास को मद्देनज़र रखते हुए जरूरी बदलावों के लिए मार्गदर्शन करेगा। 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाला बजट भारत के भविष्य के लिए एक अहम कदम साबित हो सकता है।