Income Tax Budget: राहुल गांधी का बजट को लेकर आरोप, कहा - मोदी सरकार महंगाई और बेरोजगारी से निपटने में असफल

Income Tax Budget: राहुल गांधी का बजट को लेकर आरोप, कहा - मोदी सरकार महंगाई और बेरोजगारी से निपटने में असफल
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

संसद में पेश बजट पर कांग्रेस ने आलोचना की, कहा देश महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहा है, लेकिन मोदी सरकार झूठी तारीफों में व्यस्त है।

Income Tax Budget: संसद में शनिवार (1 फरवरी, 2025) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश किया, जिसमें कई अहम घोषणाएं की गईं। बजट में टैक्स पेयर्स को बड़ी राहत देने का प्रस्ताव भी था, लेकिन विपक्ष ने इसे आलोचना का निशाना बनाया। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने बजट पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे "गोली के घाव पर मरहम पट्टी" करार दिया।

राहुल गांधी ने बजट को किया 'मरहम पट्टी' करार

राहुल गांधी ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, "यह बजट गोली के घाव पर मरहम पट्टी है।" उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बजट के माध्यम से देश के गंभीर आर्थिक संकट का समाधान देने की बजाय इसे एक साधारण उपाय के रूप में प्रस्तुत किया। राहुल ने कहा कि देश को वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक संकट का समाधान करने के लिए प्रतिमान बदलाव की जरूरत थी, लेकिन सरकार के पास कोई ठोस विचार नहीं है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने मुहावरे के जरिए की बजट की आलोचना

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी बजट को आलोचनात्मक दृष्टिकोण से देखा। उन्होंने बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा, "नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली!" उनका कहना था कि इस बजट का उद्देश्य केवल दिखावा है, जबकि असल में देश बेरोजगारी और महंगाई की समस्या से जूझ रहा है।

खरगे ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में मध्यम वर्गीय परिवारों से ₹54.18 लाख करोड़ का इनकम टैक्स वसूला है, और अब ₹12 लाख तक की छूट देने का वादा किया जा रहा है।

मेक इन इंडिया को 'नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मशीन' करार

मल्लिकार्जुन खरगे ने वित्त मंत्री द्वारा मेक इन इंडिया को 'नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मशीन' बनाने की बात पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने यह दावा किया है कि लोग इस बजट से ₹80,000 की बचत करेंगे, जो हर महीने मात्र ₹6,666 की बचत बनती है। खरगे ने यह भी कहा कि इस बजट में सरकार अपनी असफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रही है, और इसमें किसी भी प्रकार के ठोस सुधार का अभाव है।

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