प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अक्टूबर को 'मन की बात' कार्यक्रम में बताया कि साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने डिजिटल धोखाधड़ी और ठगी की इस नई लहर के प्रति चिंता व्यक्त की है। हाल ही में एक नया सरकारी आंकड़ा सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि भारत में पिछले 4 महीनों में लगभग 120 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
साइबर अपराध की alarming वृद्धि
एक बेहद चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। जनवरी से अप्रैल 2024 के बीच भारत को साइबर अपराध के कारण लगभग 120 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अक्टूबर को 'मन की बात' कार्यक्रम में इस बात का जिक्र करते हुए कहा कि साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने डिजिटल धोखाधड़ी और स्कैम की इस नई लहर पर चिंता व्यक्त की है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्ष 2024 की शुरुआत के पहले तीन महीनों में ही लगभग 7.4 लाख लोगों ने साइबर अपराध की शिकायत की है। यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है। वर्ष 2023 में 15.56 लाख, 2022 में 9.66 लाख, और 2021 में केवल 4.52 लाख शिकायतें दर्ज की गई थीं।
इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के CEO राजेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष की शुरुआत में साइबर अपराधों के कारण लगभग 1,420 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस नुकसान का सबसे बड़ा हिस्सा व्यापार और निवेश से संबंधित धोखाधड़ी से हुआ है। इसके अतिरिक्त, रोमांस और डेटिंग के बहाने भी लोगों से काफी धन की ठगी की गई है।
कैसे काम करता है डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी?
डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी में साइबर अपराधी लोगों को फोन करके डराने का काम करते हैं, यह बताते हुए कि वे किसी अपराध में शामिल हैं। ये अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी के रूप में पेश करते हैं और पैसे की मांग करते हैं। लोग डर की वजह से उनकी बातों में आकर पैसे दे देते हैं। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की शुरुआत में साइबर क्राइम के मामलों में 46% की वृद्धि हुई है। इनमें से अधिकांश मामले म्यांमार, कंबोडिया और लाओस जैसे देशों से जुड़े हुए हैं। ये देश साइबर अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन गए हैं और ये लोग भारतीय नागरिकों को अपना निशाना बना रहे हैं।
पीएम मोदी की अपील
पीएम मोदी ने लोगों को जागरूक करने के लिए एक ऑडियो क्लिप साझा की, जिसमें वास्तविक जीवन के डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी का मामला सामने आया। इस क्लिप में स्कैमर ने खुद को पुलिस अधिकारी के रूप में पेश किया और मोबाइल नंबर ब्लॉक करने के लिए आधार कार्ड की जानकारी मांगी। इसके बाद, पीएम मोदी ने कहा कि हमें इस घटना को एक चेतावनी के रूप में लेना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि ऐसी कोई घटना घटित हो, तो तुरंत इसकी रिपोर्ट करें।