भाजपा के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार 27 वर्षों के बाद मंगलवार को विधानसभा में अपना पहला बजट पेश करेगी। इस बजट में यमुना की सफाई, बुनियादी ढांचे के विकास और बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने जैसे प्रमुख वादों को पूरा करने के लिए धन आवंटित किए जाने की उम्मीद हैं।
नई दिल्ली: दिल्लीवासियों के लिए आज का दिन खास रहने वाला है, क्योंकि दिल्ली की भाजपा सरकार विधानसभा में अपना पहला बजट पेश करने जा रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में यह बजट राज्य के विकास को एक नई दिशा देने वाला होगा। सूत्रों के मुताबिक, बजट का आकार 80,000 करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है, जिसमें बुनियादी सेवाओं को सुदृढ़ करने और रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जाएगी।
27 साल बाद भाजपा सरकार का पहला बजट
दिल्ली में 27 वर्षों के बाद भाजपा सरकार पहली बार बजट पेश कर रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि जिस तरह भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, उसी तरह भाजपा सरकार 27 साल के बाद दिल्ली में अपना बजट प्रस्तुत कर रही है। सरकार ने इसे जनता का बजट बताया है, जिसमें हर वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
भाजपा सरकार के इस बजट में दिल्ली के समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा होने की संभावना है। इसमें बुनियादी ढांचे के विकास, रोजगार के अवसरों में वृद्धि, गरीबों और महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष जोर दिया जाएगा।
मुख्य संभावित प्रावधान
प्रत्येक गरीब महिला को 2,500 रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता।
हर गर्भवती महिला को 21,000 रुपये की सहायता राशि और छह पोषण किट।
गरीब परिवारों की महिलाओं को 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर।
यमुना नदी की सफाई और रिवर फ्रंट टूरिज्म कॉरिडोर का विकास।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए 10 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा।
वरिष्ठ नागरिक पेंशन 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये करने का प्रस्ताव।
झुग्गी बस्तियों (जेजे क्लस्टर) में अटल कैंटीन की स्थापना, जहां 5 रुपये में पौष्टिक भोजन मिलेगा।
जनता की भागीदारी को प्राथमिकता
इस बजट को तैयार करने में जनता की राय को भी अहमियत दी गई है। सरकार को ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से 10,000 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और बुनियादी ढांचे को लेकर लोगों ने अपनी अपेक्षाएं व्यक्त की हैं। पिछले साल आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने 76,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जिसे बाद में संशोधित कर 77,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था। इस बार भाजपा सरकार का बजट उससे अधिक रहने की उम्मीद हैं।