लुधियाना:रेल पटरियों पर मौत का तांडव:,पिछले दो महीने में 40 मरे,रेलवे सुरक्षा का अभियान सिर्फ दिखावा

लुधियाना:रेल पटरियों पर मौत का तांडव:,पिछले दो महीने में 40 मरे,रेलवे सुरक्षा का अभियान सिर्फ दिखावा
Last Updated: 15 अप्रैल 2023

फिरोजपुर डिवीजन के लुधियाना रेलवे स्टेशन और आसपास की रेल पटरियां खूनी हो गई हैं। इन पटरियों पर मौत रात-दिन तांडव मचा रही है। हालांकि रेलवे सुरक्षा बल लगातार लोगों को ट्रेस पासिंग न करने के लिए अभियान चलाने की कागजी दुहाई देता है, जिसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

प्रतिदिन यहां पर 2 से 4 लोग गलत ढंग से पटरी पार करते और चलती ट्रेन में चढ़ते उतरते समय हादसे का शिकार बन रहे हैं। लुधियाना शहर में 2022 में 334 लोगों की रेल हादसों में मौत हो चुकी है। वहीं 2023 में पिछले दो महीनों में 40 लोग रेल पटरियों पर दम तोड़ चुके है।

लुधियाना रेलवे स्टेशन पर ही पिछले सप्ताह ट्रेन के नीचे आने से दो महिलाओं की मौत हो चुकी है। इस स्टेशन पर रोजाना 70,000 से अधिक यात्री आते हैं। वहीं त्योहारी सीजन में यात्रियों की संख्या 1,00,000 भी पार कर जाती है।

ट्रेन में चढ़ने से पहले भगदड़ मचाते यात्री।

ट्रेन आते ही भगदड़ मच जाती है

यहां पर हर 10 मिनट बाद ट्रेन आते ही भगदड़ मच जाती है और यात्री चलती ट्रेन में चढ़ने से लेकर प्लेटफार्म से नीचे उतरकर पटरी पार करने में जरा भी सावधानी नहीं बरतते नहीं करते हैं। रेल यात्री सरेआम पटरी पार करते नजर आते हैं और इनको कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है।

रेलवे सुरक्षा बल (RPF) सहित रेलवे अधिकारियों के दफ्तरों के बाहर ही प्लेटफॉर्म पर सैकड़ों यात्री पटरियों को पार करते देखे जा सकते हैं, जिनपर कार्रवाई करने या उनको जागरूक करने में रेलवे सुरक्षा बल नाकाम साबित हो रहा है और आरपीएफ की 100 से ऊपर नफरी की कारगुज़ारी सवालों के घेरे में है।

रेलवे सुरक्षा बल की कारगुज़ारी की पोल खोलते हुए दविंदर और बिल्ला नाम के यात्रियों ने कहा कि सामान्य बोगियों वाली ट्रेन के आने पर स्टेशन पर बड़ी अव्यवस्था देखी जाती है। क्योंकि यात्रियों की भीड़ एक ही समय पर ट्रेन में चढ़ने और उतरने की कोशिश करती है, जो दुर्घटना का बड़ा कारण बनती है।

स्टेशन पर बैठने के लिए बेंच और कई बुनियादी सुविधाओं की कमी है, जिसके अभाव में प्लेटफॉर्म फर्श पर अपने सामान के साथ बैठे लोगों से भरा रहता है, जिससे यात्रियों के लिए दूसरे प्लेटफॉर्म या उनके डिब्बों की ओर जाने के लिए बहुत मुश्किल हो जाता है।

लुधियाना स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ 

ढंडारी कलां स्टेशन पर होते अधिक हादसे
बता दें कि लुधियाना का ढंडारी एक ऐसा स्टेशन है जहां सबसे अधिक 101 लोगों की मौत रेल हादसे में हो चुकी है। मरने वाले 50% से अधिक दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में नशे की हालत में होते है जबकि कुछ लोग ट्रेस पासिंग करते समय ईयरफोन का उपयोग कर रहे होते हैं।

सितंबर 2022 में, ढंडारी कलां के पास कालका एक्सप्रेस के नीचे आ जाने से तीन प्रवासी मजदूरों को एक बार में ही कुचल दिया गया था। इस मामले में उत्तरी डिवीजन द्वारा 2022 में अतिक्रणमियों के खिलाफ 2,000 से अधिक मामले दर्ज किए है। उसी खंड में ट्रेन दुर्घटनाओं की नियमित घटनाएं दर्ज की गईं।

लुधियाना से साहनेवाल के बीच 15 किलोमीटर की दूरी पर लुधियाना-गोराया सैक्शन के बाद 176 दुर्घटनाएं हुईं है। एक आरपीएफ अधिकारी ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि रेल कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे 360-375 रेलवे किमी के बीच आने वाले क्षेत्र से गुजरते समय अनिवार्य रूप से हार्न बजाएं।

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