सोमवार को सुखबीर सिंह बादल सहित कई नेताओं को श्री अकाल तख्त साहिब ने धार्मिक सजा सुनाई। इस सजा के तहत सुखबीर बादल ने व्हीलचेयर पर बैठकर सेवादार की पोशाक पहनी और हाथ में बरछा थाम कर श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर पहरेदारी की सेवा शुरू कर दी।
Punjab: श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को धार्मिक सजा सुनाई गई है। आज सुबह 9:10 बजे से सुखबीर बादल ने व्हीलचेयर पर बैठकर सेवादार की पोशाक पहनी और हाथ में बरछा थामकर श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर पहरेदारी की सेवा शुरू कर दी। उनके साथ पूर्व अकाली मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा भी सेवा में शामिल हुए।
शौचालय साफ करने की भी सजा
सुखबीर बादल और सुखदेव सिंह ढींडसा को एक घंटा (9 बजे से 10 बजे तक) सेवा करने का आदेश दिया गया। इसके अलावा, सुखबीर बादल को शौचालय साफ करने की भी सजा सुनाई गई थी, लेकिन पैर में चोट के कारण उन्हें इससे छूट मिल गई। शेष नेताओं को 12 बजे के बाद शौचालय की सफाई का कार्य सौंपा गया है।
पांच गंभीर गलतियों के कारण मिली सजा
सुखबीर बादल को सजा मिलने की मुख्य वजहें निम्नलिखित हैं:
1. राम रहीम के खिलाफ मामला वापस लिया: 2007 में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था, लेकिन अकाली सरकार ने इसे वापस ले लिया।
2. प्रभाव का इस्तेमाल कर डेरा मुखी को माफी दिलवाना: सुखबीर बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर डेरा सच्चा सौदा के मुखी को माफी दिलवायी, जिसके कारण सिख पंथ में नाराजगी फैल गई।
3. बरगाड़ी मामले में असफलता: 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला सामने आया, लेकिन अकाली दल सरकार ने दोषियों के खिलाफ समय पर कार्रवाई नहीं की।
4. सुमेध सैनी को डीजीपी बनाना: सुखबीर बादल के कार्यकाल में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों के आरोपी सुमेध सैनी को पंजाब का डीजीपी नियुक्त किया गया।
5. धार्मिक मामलों में लापरवाही: सुखबीर बादल पर आरोप है कि उनकी सरकार ने धार्मिक मामलों में उचित कदम नहीं उठाए, जिससे पंजाब में तनाव बढ़ा।
धार्मिक अनुशासन को बनाए रखने के लिए सजा
सुखबीर बादल को जुलाई में श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा तनखैया करार दिया गया था। उनके खिलाफ विभिन्न धार्मिक और सामाजिक गलतियों के चलते यह सजा दी गई है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों में उचित कदम उठाए जाएं और धार्मिक अनुशासन बनाए रखा जा सके।