उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ लेते हुए कांग्रेस नेता और सांसद तनुज पुनिया ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन के लिए तैयार है और पहले भी इसके लिए इच्छुक थी।
लखनऊ: लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को घेरने के लिए बनाए जा रहे विपक्षी गठबंधन से बसपा की दूरी को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष और सांसद तनुज पुनिया ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि कांग्रेस पहले भी बसपा से गठबंधन के लिए तैयार थी और अब भी है। उनके अनुसार, कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी ने बसपा प्रमुख मायावती से कई बार मुलाकात का समय मांगा, लेकिन यह बैठक संभव नहीं हो सकी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं।
2027 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 100 सीटों पर ठोकेगी दावा
तनुज पुनिया ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर दावा करेगी। हालांकि, अंतिम निर्णय कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) का शीर्ष नेतृत्व ही करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और सपा का गठबंधन पहले से ही तय है और बसपा को भी इसमें शामिल करने के प्रयास जारी हैं।
पुनिया ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी डॉ. भीमराव आंबेडकर और कांशीराम के सामाजिक न्याय के विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जातीय जनगणना की मांग कर रही है ताकि दलितों और अन्य वंचित वर्गों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा सके। उनका दावा है कि "जितनी जिसकी संख्या भारी, उतनी उसकी हिस्सेदारी" के सिद्धांत को लागू करके समाज में समावेशी विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।
होली मिलन समारोह में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हंगामा
कांग्रेस के होली मिलन समारोह के दौरान कार्यकर्ताओं में असंतोष खुलकर सामने आ गया। खासतौर पर बहराइच के नए जिलाध्यक्ष शिवेंद्र प्रताप सिंह की नियुक्ति को लेकर जबरदस्त विरोध हुआ। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि शिवेंद्र प्रताप सिंह भाजपा नेताओं के करीबी हैं। नाराज कार्यकर्ताओं ने ‘बहराइच बचाओ, आरएसएस भगाओ’ जैसे नारे लगाए और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे की गाड़ी रोकने का प्रयास किया। विरोध प्रदर्शन इतना बढ़ गया कि कुछ कार्यकर्ता गाड़ी के आगे लेट गए, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
अन्य जिलों में भी नाराजगी, कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल
गोंडा के जिलाध्यक्ष राम प्रताप सिंह, सीतापुर की जिलाध्यक्ष डॉ. ममता वर्मा, और गोरखपुर के शहर अध्यक्ष समेत अन्य जिलों में भी नेतृत्व को लेकर असंतोष देखने को मिला। कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस नेतृत्व के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि नवनियुक्त अध्यक्षों की पृष्ठभूमि की सही तरीके से जांच नहीं की गई हैं।
कांग्रेस की इस नई रणनीति और बसपा को गठबंधन में शामिल करने की कोशिशों से यूपी की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अगर यह गठबंधन सफल होता है, तो भाजपा के लिए 2027 के चुनाव में कड़ी चुनौती खड़ी हो सकती हैं।