पूर्व पीएम शेख हसीना की बढ़ी मुश्किलें, बांग्लादेश की अदालत ने जारी किया अरेस्ट वारंट, 18 नवंबर तक कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी

पूर्व पीएम शेख हसीना की बढ़ी मुश्किलें, बांग्लादेश की अदालत ने जारी किया अरेस्ट वारंट, 18 नवंबर तक कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी
Last Updated: 19 घंटा पहले

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। वास्तव में, बांग्लादेश की एक अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने शेख हसीना को 18 नवंबर तक पेश होने का आदेश दिया है। इस जानकारी को बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) के मुख्य अभियोजक मोहम्मद तजुल इस्लाम ने साझा किया।

Bangladesh: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। वास्तव में, बांग्लादेश की एक अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने 18 नवंबर तक शेख हसीना को पेश होने का आदेश दिया है।

बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICT) के मुख्य अभियोजक मोहम्मद तजुल इस्लाम ने इस मामले की जानकारी प्रदान की। शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघन से संबंधित कई मामलों की जांच चल रही है। उन पर छात्र आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले कई छात्रों की हत्या का भी आरोप लगाया गया है।

शेख हसीना के साथ 50 लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारंट

मिली जानकारी के अनुसार, इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मजूमदार ने ट्रिब्यूनल की कार्यवाही सुबह 11:30 बजे शुरू की। पहले दिन अभियोजन टीम ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित 50 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग की। अवामी लीग पार्टी की नेता शेख हसीना और 14-पार्टी गठबंधन के अन्य नेताओं, कानून प्रवर्तन के पूर्व अधिकारियों और देश के पत्रकारों के खिलाफ इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल में जबरन गायब करने और हत्या से संबंधित 60 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

एडवोकेट ताजुल इस्लाम ने दिया था बयान

बता दें कि 13 अक्टूबर को मुख्य अभियोजक एडवोकेट ताजुल इस्लाम ने जानकारी दी कि जुलाई में देश में हुए दंगों और बवाल में शामिल लोगों के खिलाफ इस सप्ताह के अंतर्गत गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाएंगे और उनके यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इसके लिए उन सभी के खिलाफ इंटरपोल की सहायता ली जाएगी, जो देश से भाग चुके हैं।

शेख हसीना का रद्द किया राजनयिक पासपोर्ट

मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने मीडिया को बताया कि हसीना के 15 साल के शासनकाल के दौरान मानवाधिकारों का भारी उल्लंघन हुआ है। उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया। इसके अलावा, जुलाई से अगस्त के बीच देश में हुए नरसंहार और हत्या जैसे अपराधों में शेख हसीना की संलिप्तता थी। 77 वर्षीय हसीना को बांग्लादेश से भागने के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। इस बीच, भारत में उनके होने से बांग्लादेश सरकार नाराज है, जिसके कारण उन्होंने हसीना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है।

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