दक्षिण-पश्चिम मानसून ने देश को अलविदा कह दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, आधिकारिक तौर पर 15 अक्टूबर 2024 को मानसून ने पूरे देश से वापस जाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून 30 मई को केरल में आया और 2 जुलाई तक पूरे देश में फैल गया। इसके बाद, 23 सितंबर को उत्तर-पश्चिम भारत से इसकी वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ हुई।
New Delhi: दक्षिण पश्चिम मानसून ने देश को अलविदा कह दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, आधिकारिक तौर पर 15 अक्टूबर 2024 को मानसून पूरे देश से वापस लौट गया है। इसी के साथ, उत्तर-पूर्वी मानसून ने प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों पर अपना प्रभाव डालना शुरू कर दिया है।
यह परिवर्तन मौसम के पैटर्न को प्रभावित करने वाली वायुमंडलीय विशेषताओं के कारण हो रहा है, जिसमें बंगाल की खाड़ी के मध्य में एक कम दबाव वाला क्षेत्र बन गया है, जिसके परिणामस्वरूप दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश का अनुभव किया जा रहा है।
केरल में कब आता हैं मानसून?
मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून 30 मई को केरल में प्रवेश कर गया और दो जुलाई तक पूरे देश में फैल गया। इसके बाद 23 सितंबर से उत्तर-पश्चिम भारत में इसकी वापसी शुरू हुई। सामान्यतः, दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून तक केरल में पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है।
उत्तर-पश्चिम भारत से इसकी वापसी आमतौर पर 17 सितंबर के आसपास शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक पूरी होती है। इस वर्ष देश में मानसून सीजन में सामान्य 868.6 मिमी की तुलना में 934.8 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई, जो 2020 के बाद से सबसे अधिक है।
कहां हुई कम बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, विशेष रूप से अगस्त और सितंबर में तीव्र निम्न दबाव के कारण भारत में सामान्य से आठ प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। जून और जुलाई के महीनों में सामान्य से दो प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि अगस्त और सितंबर में यह आंकड़ा सामान्य से 12 प्रतिशत अधिक रहा।
क्षेत्रीय स्तर पर देखा जाए तो मध्य भारत में सामान्य से 19.5 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, प्रायद्वीपीय भारत में 14 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई और उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से सात प्रतिशत अधिक बारिश का आंकड़ा सामने आया। हालांकि, मौसम विभाग ने यह भी जानकारी दी है कि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में बारिश की मात्रा उम्मीद से 14 प्रतिशत कम रही। इस साल राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
कर्नाटक में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित
कर्नाटक और तमिलनाडु में निरंतर हो रही बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। दोनों राज्यों के कई क्षेत्रों में लोगों को जलभराव और यातायात जाम का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश के कारण अधिकतर सड़कों पर वाहन चालकों को समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
बेंगलुरु सहित राज्य के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में बारिश से स्थिति गंभीर हो गई है। वरथुर, हेब्बल, कडुबीसनहल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बारिश के कारण कई सड़कें जलमग्न हो गई हैं। आउटर रिंग रोड (ओआरआर) पर मान्यता टेक पार्क जैसी प्रमुख तकनीकी कंपनियों और सरजापुर जैसे तकनीकी केंद्रों वाले इलाकों में भी बारिश का असर देखा जा रहा है।
यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मान्यता टेक पार्क के पास नागवाड़ा फ्लाईओवर पर पानी भर गया है, जिससे दोनों तरफ वाहनों की गति धीमी हो गई है। बेंगलुरु में सभी स्कूलों को बुधवार को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने मंगलवार को कहा कि भारी बारिश के पूर्वानुमान के मद्देनजर शहर में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कर्मियों को तैनात किया गया है।
तमिलनाडु में भारी बारिश का प्रभाव
चेन्नई और तमिलनाडु के अन्य क्षेत्रों में रुक-रुक कर भारी बारिश ने तबाही मचाई है। इस बारिश के कारण आवासीय इलाकों और सड़कों में घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रभावित हुई हैं और यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई क्षेत्रों में बस सेवाओं पर असर पड़ा है, जबकि दक्षिणी रेलवे ने जलभराव के कारण चेन्नई सेंट्रल-मैसूरु कावेरी एक्सप्रेस समेत चार एक्सप्रेस ट्रेनों को रद करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, भारी बारिश के चलते कई घरेलू उड़ानें भी रद कर दी गई हैं, क्योंकि यात्री एयरपोर्ट तक नहीं पहुंच सके।