उरुग्वे के शीर्ष गोलस्कोरर लुइस सुआरेज़ ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास की घोषणा की है। सुआरेज़ ने अपना 17 साल का करियर ख़त्म कर दिया। 2010 विश्व कप में हैंडबॉल विवाद के लिए सुआरेज़ को प्रशंसकों द्वारा हमेशा याद किया जाएगा। सुआरेज़ पैराग्वे के खिलाफ विश्व कप क्वालीफाइंग मैच में उरुग्वे के लिए अपना अंतिम गेम खेलेंगे।
स्पोर्ट्स न्यूज़: लुई सुआरेज ने अपने संन्यास की घोषणा के साथ फुटबॉल प्रेमियों को एक नई दिशा दी है। उनकी प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी गई कि 6 सितंबर को पैराग्वे के खिलाफ फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर्स के मैच के बाद वह अपने करियर को समाप्त करेंगे। 17 साल की लंबी यात्रा में, सुआरेज ने उरुग्वे के लिए 142 मैचों में 69 गोल दागे, जो उनके अद्वितीय खेल कौशल और कड़ी मेहनत का परिचायक है। उनका संन्यास उरुग्वे और वैश्विक फुटबॉल के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण हैं।
लुई ने 2007 में की अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत
लुई सुआरेज ने उरुग्वे के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 8 फरवरी 2007 को की थी, जब उन्होंने कोलंबिया के खिलाफ मैच में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज की थी। इस मैच में उरुग्वे ने 3-1 से जीत हासिल की थी। इसके बाद, सुआरेज तेजी से उरुग्वे के प्रमुख खिलाड़ी बन गए। 2010 के फीफा वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने उरुग्वे के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वर्ल्ड कप क्वालिफायर्स में 20 में से 19 मैचों में खेलकर अपनी ताकत और निरंतरता का प्रदर्शन किया।
सुआरेज ने मीडिया से क्या कहा?
लुई सुआरेज ने अपनी संन्यास घोषणा के साथ एक भावनात्मक और विचारशील संदेश साझा किया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि संन्यास लेने का सही समय जानना गर्व की बात है और यह उनके लिए एक स्वाभाविक निर्णय था, न कि चोट या किसी बाहरी दबाव के कारण। 37 साल की उम्र में, उन्होंने महसूस किया कि अगले वर्ल्ड कप तक खेलना चुनौतीपूर्ण होगा। सुआरेज ने यह भी कहा कि वह संन्यास लेते समय शांत और आत्मसंतुष्ट महसूस कर रहे हैं। उन्होंने अपने अंतिम मैच में पूरी ऊर्जा लगाने की इच्छा जताई और अपनी फुटबॉल की लौ को धीमा नहीं होने देने का संकल्प लिया है। उनका यह निर्णय उनके समर्पण और खेल के प्रति प्यार को दर्शाता हैं।
फैंस को बहुत याद आएंगे लुई सुआरेज
सुआरेज का अंतरराष्ट्रीय करियर कई अविस्मरणीय लम्हों से भरा हुआ है। 2010 वर्ल्ड कप के दौरान घाना के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में उनका वह विवादास्पद हैंडबॉल, जिसने उरुग्वे को सेमीफाइनल में पहुंचाया, एक महत्वपूर्ण पल था। उनकी साहसिकता और विवादास्पद निर्णय ने फुटबॉल जगत में गहरी छाप छोड़ी। अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच में, 2024 कोपा अमेरिका के तीसरे स्थान के मुकाबले में कनाडा के खिलाफ, सुआरेज ने पेनल्टी शूटआउट में गोल करके अपनी टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब, वह क्लब फुटबॉल पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करेंगे, और फुटबॉल के प्रति उनके समर्पण और योगदान को हमेशा सराहा जाएगा।